स्वर्णिम धमाल हरियाणा के नवरत्नों का कमाल
हरेंद्र रापड़िया/हप्र
सोनीपत, 7 अगस्त
राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कौन सी ऐसी प्रतियोगिता है जिसमें हरियाणा के खिलाड़ियों ने देश का झंडा बुलंद न किया हो। ओलंपिक, राष्ट्रमंडल खेल, विश्व चैंपियनशिप, एशियाड, एशियन गेम्स समेत अनेक प्रतियोगिताओं में हरियाणा के खिलाड़ी सोने, चांदी व कांसे से देश की झोली भर रहे हैं। इन दिनों चल रहे राष्ट्रमंडल खेल-2022 में भी हरियाणवी खिलाड़ी 9 स्वर्ण पदक समेत 16 पदक देश के नाम कर चुके हैं। कई खिलाड़ी पदकों की दौड़ में बने हुए हैं। ओलंपिक से लेकर अन्य प्रतियोगिताओं में भारत की मात्र 2.09 फीसदी आबादी वाला प्रदेश अकसर देश के लिए 30 से 45 फीसदी तक मेडल जीत रहा है। यानी कह सकते हैं कि हरियाणा की धरती पर उगते हैं खिलाड़ी।
इंग्लैंड के बर्मिंघम में चल रहे राष्ट्रमंडल खेलों में अब तक स्वर्ण पदक जीतने वालों में कुश्ती में बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, दीपक पूनिया, रवि दहिया, नवीन कुमार, विनेश फोगाट, मुक्केबाजी में नीतू घणघस व अमित पंघाल और पैरा श्रेणी की पावर लिफ्टिंग में सुधीर कुमार शुमार हैं। कुश्ती में ही अंशु मलिक रजत पदक, पहलवान पूजा गहलोत, मुक्केबाज जैस्मीन, मोहित अग्रवाल व 10 हजार मीटर चाल में संदीप पूनिया कांस्य पदक जीत चुके हैं। महिला हॉकी में कांस्य पदक जीतने वाली टीम में भी कई खिलाड़ी हरियाणा से ही हैं। यहां उल्लेखनीय है कि टोक्यो ओलंपिक में एक स्वर्ण पदक समेत 7 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों को मिले थे। इकलौता स्वर्ण पदक हरियाणा के नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक स्पर्धा में जीता था। गौर हो कि जून में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में मेजबान हरियाणा के खिलाड़ियों ने 52 स्वर्ण, 39 रजत व 46 कांस्य जीतकर धूम मचा थी।
जब मोदी बोले, हरियाणा की मिट्टी में ऐसा क्या है
हरियाणा के खिलाड़ियों द्वारा पदकों की बौछार लगाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां तारीफ की थी। इसी साल 22 मई को बैडमिंटन खिलाड़ी उन्नति हुड्डा द्वारा अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीतने के बाद मुलाकात के दौरान मोदी ने कहा, ‘आखिर हरियाणा की मिट्टी में ऐसा क्या है!’ तुरंत उन्नति ने जवाब दिया, ‘दूध दही का खाणा…।’ जबाव सुनकर मोदी भी मुस्करा पड़े।
रास आ रही प्रदेश की खेल नीति
खिलाड़ियों की मानें तो प्रदेश सरकार नवीनतम तकनीक और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। प्रतियोगिताओं की तैयारी के लिए ही प्रदेश सरकार लाखों रुपये जारी करती है। पदक जीतने के बाद तो इनामों की झड़ी लगा देती है। इनाम देने में प्रशिक्षकों (कोच) को नहीं भुलाया जाता। ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने पर हरियाणा सरकार ने नीरज चोपड़ा को 6 करोड़ रुपये दिए थे। अन्य पदकों पर रवि दहिया को 4 करोड़, बजरंग पूनिया को 2.5 करोड़ दिए गए थे। कांस्य पदक जीतने वाले हॉकी खिलाड़ियों को भी 2.5-2.5 करोड़ रुपये दिए गए। इसके अलावा सरकारी नौकरी, आवासीय प्लॉट समेत अनेक तोहफे दिए गए। पैरालंपिक में पदक विजेताओं को भी पुरस्कारों से नवाजा गया।
बेहद गर्व की बात है कि हमारे खिलाड़ी लगातार मेडल जीतकर हरियाणा एवं देश का नाम रोशन कर रहे हैं। हरियाणा की खेल नीति काफी बेहतर है। अन्य राज्यों को भी इस नीति की तर्ज पर अपने सूबे में नीति बनानी चाहिए। हरियाणा के खिलाड़ियों को चौथे स्थान पर रहने पर भी इनाम दिया जाता है। प्रदेश सरकार की ओर से खिलाड़ियों को सभी तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं।
– मनोहरलाल खट्टर, मुख्यमंत्री-हरियाणा