कोस्ट गार्ड में महिलाओं को दें स्थायी कमीशन, नहीं तो हम देंगे : सुप्रीम कोर्ट
सत्य प्रकाश/ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 26 फरवरी
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्र से यह सुनिश्चित करने को कहा कि महिलाओं को इंडियन कोस्ट गार्ड (आईसीजी) में स्थायी कमीशन दिया जाए। शीर्ष अदालत के अनुसार 2024 में महिलाओं को आईसीजी से बाहर नहीं रखा जा सकता।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी की इन दलीलों का संज्ञान लिया कि शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारियों (एसएससीओ) को स्थायी कमीशन देने में कुछ कार्यात्मक और परिचालन संबंधी कठिनाइयां हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘परिचालन आदि संबंधी ये सभी दलीलें वर्ष 2024 में कोई मायने नहीं रखतीं। महिलाओं को छोड़ा नहीं जा सकता। यदि आप ऐसा नहीं करते, तो हम ऐसा करेंगे। इसलिए उस पर एक नजर डालें।’ अटॉर्नी जनरल ने पीठ को यह भी बताया कि मुद्दों को देखने के लिए आईसीजी द्वारा एक बोर्ड स्थापित किया गया है।
पीठ ने समयाभाव के कारण याचिका की अगली सुनवाई के लिए शुक्रवार का दिन निर्धारित करते हुए कहा, ‘आपके बोर्ड में महिलाएं भी होनी चाहिएं।’ अदालत प्रियंका त्यागी की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें बल की पात्र महिला ‘शॉर्ट-सर्विस कमीशन’ अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने की मांग की गई थी। इससे पहले पीठ ने कहा था, आप नारी शक्ति की बात करते हैं, अब इसे यहां दिखाओ।