गीता जयंती महोत्सव संतोष गर्ग की पुस्तक ‘सार का सार’ का विमोचन
कुरुक्षेत्र, 11 दिसंबर (ट्रिन्यू)
‘हैं जीवन का आधार कृष्ण, करते हैं बेड़ा पार कृष्ण।’ ऐसा कहना है कवयित्री संतोष गर्ग का, जिनकी संपादित पुस्तक ‘सार का सार’ का विमोचन जूनापीठाधीश्वर आचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरि एवं गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज के कर कमलों द्वारा श्री कृष्ण कृपा धाम में संपन्न हुआ। इस पुस्तक में देश-विदेश के 48 रचनाकारों की कविताएं, गीत व दोहों को प्रकाशित गया है।
आचार्य स्वामी अवधेशानंद ने कहा कि गीता का वास्तविक उद्देश्य व्यवहार एवं अध्यात्म का समन्वय है। गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि गीता एक उदार ग्रंथ है। इस काव्य संकलन के प्रकाशित होने पर हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ. कुलदीप अग्निहोत्री, निदेशक डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी, निदेशक डॉ. चंद्र त्रिखा ने भी इस प्रयास की सराहना करते हुए कवयित्री संतोष गर्ग को शुभकामनाएं दीं। इस काव्य संकलन में चंडीगढ़ से प्रो.अलका कांसरा, डॉ. सुनील बहल, डॉ विनोद शर्मा, एमएल अरोड़ा आदि, पंचकूला से डॉ. नितिन गर्ग, कृष्णा गोयल, मोहाली से दर्शना पाहवा आदि के साथ ही ग्रेट ब्रिटेन से सुरेश पुष्पाकर, जापान से सुदेश नूर आदि की रचनाएं प्रकाशित की गई हैं।