ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने दिया इस्तीफा, कहा- धमकियों के चलते लिया फैसला
समराला, 16 अक्तूबर (निस)
तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस्तीफ़ा दे दिया है। आज एक वीडियो जारी कर अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने परिवार को मिल रही धमकियों के मद्देनजर यह फैसला लिया है। उन्होंने केंद्र सरकार और पंजाब सरकार से कहा कि वे उन्हें दी गई गाड़ी और सुरक्षा वापस ले लें क्योंकि अब वे एक साधारण सिख के रूप में जीवन बिताएंगे।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह, अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार रह चुके हैं और तख्त श्री दमदमा साहिब के मौजूदा जत्थेदार थे। बीते दिनों सिंह साहिबान की बैठक में उनकी भूमिका चर्चा का विषय बनी थी। ज्ञानी हरप्रीत सिंह कल श्री अकाल तख्त साहिब में हुई पांच सिंह साहिबान की बैठक में उपस्थित थे, जिसमें शिरोमणि अकाली दल के नेता विरसा सिंह वल्टोहा को शिरोमणि अकाली दल से 10 साल के लिए निष्कासित करने का आदेश पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भुंदड़ को दिया गया था। अपने वीडियो संदेश में भावुक दिखे ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि वल्टोहा लगातार उनका चरित्र हनन कर रहे हैं। उन्होंने शिरोमणि कमेटी को ‘मेरी संस्था’ कहकर संबोधित करते हुए कहा कि दुख है कि शिरोमणि कमेटी भी चुप है और इस स्थिति में वह जत्थेदार के रूप में सेवा नहीं दे सकते क्योंकि वह जत्थेदार होने के साथ-साथ बेटियों के पिता भी हैं।
मंजूर न करें इस्तीफा : ज्ञानी हरप्रीत सिंह के इस्तीफे के ऐलान के बाद अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान हरजिंदर सिंह धामी को आदेश दिया है कि वे ज्ञानी हरप्रीत सिंह का इस्तीफा स्वीकार न करें। उन्होंने साथ ही कहा है कि अगर ज्ञानी हरप्रीत सिंह का इस्तीफा मंजूर किया गया, तो बाकी सिंह साहिबान भी अपने पदों से इस्तीफे दे देंगे। उन्होंने ज्ञानी हरप्रीत सिंह से भी अपील की है कि वे अपने इस्तीफे पर फिर से विचार करें।
विरसा सिंह वल्टोहा का इस्तीफा स्वीकार
संगरूर (निस) : शिरोमणि अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ ने विरसा सिंह वल्टोहा का शिरोमणि अकाली दल के सभी पदों से इस्तीफा तुरंत प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। पार्टी नेता दलजीत सिंह चीमा ने एक्स पर यह जानकारी साझा की है। बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब ने 13 अक्तूबर को विरसा सिंह वल्टोहा को 15 अक्तूबर को रात 9 बजे पेश होने का लिखित आदेश दिया था।