गीता जीवन जीने की कला : ज्ञानानंद महाराज
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 5 मई (हप्र)
गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि गीता पर किसी एक धर्म विशेष का अधिकार नहीं है। गीता सभी धर्म व संप्रदायों के लिए उपयोगी व महत्वता रखती है। गीता मात्र एक ग्रंथ नहीं है, गीता जीवन जीने की कला है। जीओ गीता परिवार द्वारा सेक्टर–27 सी स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर में सत्संग में ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में जीवन मूल्यों का सही मार्गदर्शक है। गीता सभी समस्याओं का हल है। इसलिए हर किसी को गीता का अध्ययन करना चाहिए, संतवाणी से इसका श्रवण करना चाहिए। उन्होंने कहा अधिक से अधिक लोगों को विशेषकर युवाओं को देश हित व धर्म हित में जीओ गीता के संग जुड़ने का आह्वान किया। इससे पहले बड़ी संख्या में लोगों ने सामूहिक गीता पाठ किया। इसके बाद भाव रसिका सीमा जी ने अपनी दिव्यवाणी भजन गाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। कार्यक्रम के अंत श्री सनातन धर्म मंदिर सभा -27 की ओर से लगाए गए लंगर में सैंकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक के वरिष्ठ प्रचारक प्रेम जी गोयल विशेष अतिथि के तौर पर पहुंचे थे। आचार्य स्वामी राजेश्वरानंद जी और संत बाबा हरजीत सिंह जी रसूलपुर भी उपस्थित रहें और कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।