चिंटल्स पैराडिसो का जी-टावर भी असुरक्षित
गुरुग्राम, 13 जून (हप्र)
सेक्टर-109 स्थित चिंटल्स पैराडिसो सोसायटी में अब जी-टावर को भी असुरक्षित घोषित किया गया है। आईआईटी दिल्ली द्वारा जारी स्ट्रक्चर ऑडिट रिपोर्ट में टावर-जी को इंसानों के रहने के लिए असुरक्षित बताया गया है। लोगों को जल्द से जल्द टावर खाली करने के निर्देश जिलाधीश की ओर से दिए गए हैं। आज जिलाधीश एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष निशांत कुमार यादव ने धारा 144 लगाने के साथ-साथ टावर-जी में रहने वाले निवासियों को अगले 15 दिनों के भीतर परिसर खाली करने के आदेश दिए हैं। इस कार्य के लिए डीटीपी (ई) को नोडल अधिकारी एवं ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। इन आदेशों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कंक्रीट में अधिक मिली क्लोराइड की मात्रा
रिपोर्ट में कहा गया कि इमारतों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले कंक्रीट में क्लोराइड की मात्रा अधिक पाई गई है, जिससे निर्माण में इस्तेमाल होने वाला स्टील और कंक्रीट नष्ट हो गया। इस मामले में सीबीआई जांच भी शुरू की गई, जिसमें सीबीआई ने चिंटल्स पैराडिसो के मालिक अशोक सोलोमन के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसके अलावा डिस्ट्रिक्ट टाउन प्लानर की शिकायत पर नया केस गुरुग्राम पुलिस ने भी दर्ज किया। यह केस चिंटल्स के एमडी अजय सोलोमन, स्ट्रक्टर इंजीनियर, डिजाइन कंसल्टेंट समेत सात लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया।
पहले डी, ई व एफ टावर किए थे असुरक्षित घोषित
टावर-जी से पहले यहां तीन अन्य टावर को भी असुरक्षित घोषित किया जा चुका है। इसकी शुरुआत हुई थी फरवरी 2022 में डी-टावर के भीतर छत का लेंटर गिरने से। 18 मंजिला डी-टावर की छठी मंजिल से लेंटर गिरने से नीचे तक के लेंटर गिर गए थे। इस हादसे में 2 लोगों की मौत हुई थी। काफी विवादों के बीच आईआईटी दिल्ली की टीम ने नवंबर 2022 में टावर-डी की गहनता से जांच करके रिपोर्ट में इसे रहने के लिए असुरक्षित बताया गया था।
सेटलमेंट के लिए दिये 2 विकल्प
चिंटेल्स इंडिया के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट जेएन यादव का कहना है कि उन्होंने सेटलमेंट के लिए दो विकल्प दिए हैं। एक फ्लैट वापसी जिसमें 6500 रुपये प्रति वर्ग फुट और भुगतान की गई वास्तविक स्टांप ड्यूटी और सरकार द्वारा नियुक्त मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा निर्धारित इंटीरियर की लागत। साथ ही पुनर्निर्माण का दूसरा विकल्प भी दिया है जिसमें निर्माण सामग्री की लागत बढ़ने के कारण कंपनी एक हजार रुपये प्रति वर्ग फुट चार्ज करेगी। इस सूरत में कंपनी कोई किराया नहीं देगी। उन्होंने कहा कि फ्लैट एविक्शन का कोई नोटिस जारी नहीं किया है।