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पराली से भरी ट्रालियों के साथ डीसी दफ्तर के बाहर रोष प्रदर्शन

07:22 AM Nov 21, 2023 IST
बठिंडा में सोमवार को पराली लदी ट्रॉलियों के साथ डीसी कार्यालय के बाहर पहुंचे किसान। - पवन शर्मा

बठिंडा, 20 नवंबर (निस)
धान की पराली के ठोस प्रबंध की मांग को लेकर विभिन्न किसान संगठनों ने सोमवार को डीसी दफ्तर के समक्ष धरना देकर रोष प्रदर्शन किया। संयुक्त कार्यक्रम के तहत डीसी बठिंडा कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारी किसान ट्रालियों में पराली भी लेकर पहुंचे। नेताओं ने इस उपरांत किसान नेताओं ने डीसी को मांगपत्र सौंपा और पराली के निपटारे के लिए ठोस प्रबंध की मांग की। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की अौर पराली जलाने को लेकर किसानों के खिलाफ दर्ज पुलिस केस और रिकॉर्ड में प्रतिकूल एंट्रियाें को रद्द करने की मांग की। नेताओं ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से दावा किया जा रहा है कि पराली प्रबंधन के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, किसानों को मशीनें उपलब्ध करवाई जा रही हैं जबकि सच्चाई यह है कि सरकार के प्रबंध नाममात्र हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को पराली के रख-रखाव के लिए 100 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस देने, किसानों को मुफ्त मशीनरी देने और तेल की खपत के लिए 2500 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा देने का जो आदेश दिया था उसे लागू नहीं किया जा रहा है।
मशीनें न मिलने के कारण ही किसानों को पराली को आग लगानी पड़ी रही है। लेकिन जिला प्रशासन किसानों की इस मजबूरी को समझने की बजाय पराली को आग लगाने पर किसानों पर केस दर्ज कर रहा है। नेताओं ने मांगें पूरी न होने पर कड़े संघर्ष की चेतावनी दी।

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किसान पुलिस बैरियर तोड़ पहुंचे सचिवालय

संगरूर (निस) : उत्तर भारत के 18 किसान संगठनों और संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान संगठनों के नेता पुलिस बैरियर तोड़कर पराली से भरी ट्रॉलियां लेकर संगरूर, मानसा, बरनाला और मोगा में सचिवालय पहुंचने में सफल रहे। किसानों ने मिलकर सरकार द्वारा पराली की समस्या का समाधान न करने पर अपना विरोध जताया। इस मौके पर पुलिस अधिकारियों ने किसानों को समझाने की पूरी कोशिश की लेकिन किसानों के आगे पुलिस बेबस हो गई। किसान नेताओं ने कहा कि सरकारें किसानों के खिलाफ नफरत और बदले की भावना से काम कर रही हैं। उन्होंने पराली का ठोस समाधान करने, राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में की गई लाल प्रविष्टियों और पराली जलाने पर दर्ज मामलों को रद्द करने, रद्द किए गए पासपोर्ट बनाने और रद्द किए गए हथियार लाइसेंस और सब्सिडी के नवीनीकरण की मांग की। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार किसानों पर दबाव बनाकर उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज कर उन्हें परेशान कर रही है। उनकी सरकार से मांग है कि पराली की संभाल के लिए कोई ठोस इंतजाम किये जाएं।

भाकियू सिद्धूपुर ने दिया धरना

मोहाली (हप्र) : किसान यूनियन सिद्धुपुर ने डिप्टी कमिश्नर कार्यालय के सामने धरना दिया। इस धरने का नेतृत्व किसान यूनियन सिद्धुपुर के राज्य प्रेस सचिव मेहर सिंह थेड़ी और जिला अध्यक्ष रविंदर ने किया। उन्होंने पंजाब सरकार से मांग की कि जिन किसानों को अन्नदाता कहा जाता है, उन्हें जुर्माना कर और अन्य भेदभावपूर्ण कदम उठाने की बजाय उनकी मजबूरी को समझा जाए। इस संबंध में यूनियन नेताओं ने डीसी आशिका जैन को एक मांगपत्र भी दिया। उन्होंने कहा कि किसानों पर दर्ज मामले, जुर्माना और रेड एंट्री वापस की जाएं। अगर सरकार ने किसानों को परेशान करना बंद नहीं किया तो संयुक्त किसान मोर्चा, किसान यूनियन सिद्धूपुर और उत्तर भारत की 18 किसान यूनियनें सरकार के खिलाफ संघर्ष करने को मजबूर होंगी।

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एडीसी को दिया ज्ञापन

लुधियाना (निस) : मांगों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे किसानों को पुलिस ने आज शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बैनर तले किसानों के दो समूहों को यहां क्रमश: वेरका मिल्क प्लांट चौक और गांव संगोवाल के पास पुलिस द्वारा रोका गया। भारी संख्या में तैनात पुलिस बलों नें दोनों स्थानों पर सड़क पर बैरिकेड लगा रखे थे। बाद में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल पुलिस सुरक्षा में लघु सचिवालय पहुंचा और अतिरिक्त उपायुक्त गौतम जैन को एक ज्ञापन सौंपा। बाद में किसानों नें संगोवाल गांव के निकट प्रदर्शन कर सड़क पर धरना दिया और यातायात रोका।

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