शुभकरण का अंतिम संस्कार, बड़ी संख्या में शामिल हुए किसान
बठिंडा/संगरूर, 29 फरवरी (निस)
किसान आंदोलन के दौरान 21 फरवरी को संगरूर जिले के खनौरी बॉर्डर पर मारे गए शुभकरण सिंह का आज उनके पैतृक गांव बठिंडा के बल्लो गांव में अंतिम संस्कार किया गया। गुरुवार को शुभकरण का शव ट्रैक्टर-ट्रालियों व गाड़ियों के काफिले के साथ खनौरी बार्डर लाया गया। यहां बड़ी संख्या में किसानों ने शुभकरण को श्रद्धांजलि दी। बता दें कि कल देर रात शुभकरण के शव का पोस्टमार्टम किया गया।
इससे पहले देर रात शुभकरण के पिता के बयान पर अज्ञात लोगों के खिलाफ जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर में आईपीसी की धारा 302 और 114 लगाई गई है। खनौरी बॉर्डर से काफिला शुभकरण सिंह के पैतृक गांव बठिंडा के बल्लो को रवाना हुआ। उनके पार्थिव शरीर पर फार्म यूनियन का झंडा लपेटा हुआ था। उनके अंतिम संस्कार के दौरान हजारों किसान बीकेयू एकता
और किसान मजदूर मोर्चा के झंडे के साथ बड़ी संख्या में किसान इकट्ठा हुए। उनका बल्लो गांव में शाम 5 बजे अंतिम संस्कार किया गया।
शुभकरण सिंह के पैतृक गांव पहुंचे भारतीय किसान यूनियन उगराहां के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने कहा कि शुभकरण सिंह की मौत को लेकर केंद्र सरकार और पंजाब की राज्य सरकार दोनों ही दोषी हैं। शुभकरण की मौत के 8 दिन बाद पोस्टमार्टम को लेकर अध्यक्ष ने सवाल उठाए की इतनी दिनों बाद किसान का शव पड़ा रहा, पोस्टमार्टम में देरी की गई। उन्होंने कहा कि अगर सरकारी चाहती तो देशों पर कार्रवाई तुरंत हो सकती थी। जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि केंद्र और पंजाब सरकार किसानों के पक्ष में नहीं है, सरकारों द्वारा बॉर्डर पर किसानों पर अत्याचार हुए जिसमें शुभकरण सिंह की जान चली गई। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह राजा वड़िंग बल्लो गांव पहुंचे और कहा कि किसान आंदोलन के दौरान नौजवान किसान की हत्या हुई है, इस घटना को लेकर केंद्र और पंजाब सरकार बेशर्म नजर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि जीरो एफआईआर कोई मायने नहीं नहीं रखती। इस दौरान किसान आंदोलन के सभी नेता, जिनमें सरवन पंधेर, जगजीत सिंह डल्लेवाल, अभिमन्यु कोहाड़, जिला अध्यक्ष राजन गर्ग और अन्य शामिल हुए शामिल हुए।
पूर्व सैनिकों ने दिया किसानों को समर्थन
राजपुरा (निस) : रिटायर्ड फौजी यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर शम्भू बार्डर पर डटी किसान जत्थेबंदियों की मांगों को सही ठहराते हुए उन्हें समर्थन देने का ऐलान किया है और केंद्र सरकार से किसानों की मांगों को जल्द मानने की अपील की है। इस मौके पर भारतीय किसान मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय प्रधान मनजीत सिंह घुमाणा, भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर के वित्त सचिव मान सिंह ने बताया कि लगभग दो वर्ष पहले मोदी सरकार ने जो किसानों की मांगे मानी थी उसको मनवाने के लिये 13 फरवरी से दिल्ली जाने के लिये शम्भू बार्डर पर बैठे हैं लेकिन सरकार के कानों में अभी जूं नहीं रेंग रही। उन्होंने कहा कि आगे की रणनीति के बारे में आज जो ऐलान होना था वह अभी तक इसलिये नहीं हो सका क्योंकि बड़े नेता किसान शुभकरण के अतिंम संस्कार में गये हुए हैं। उनके आने के बाद ही मीटिंग कर फैसला होगा कि आगे क्या करना है।
मामले की पूरी जांच करवाई जाएगी : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उक्त मामले की पूरी जांच कराई जाएगी ताकि पता लगाया जा सके कि घटना कहां हुई और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। भगवंत मान ने कहा कि कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद एफआईआर दर्ज की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही शुभकरण सिंह की मौत का असली कारणों का पता चल सकेगा। उन्होंने कहा कि शुभकरण सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा पहले ही की जा चुकी है और उनकी छोटी बहन को सरकारी नौकरी देने की भी घोषणा की जा चुकी है। भगवंत मान ने कहा कि कल से विधानसभा का सत्र शुरू होने जा रहा है, जिसमें युवा किसान शुभकरण सिंह को श्रद्धांजलि दी जाएगी।