बहनों को मुफ्त बस यात्रा के आदेशों की उड़ाई धज्जियां
इन्द्री, 21 अगस्त (निस)
रक्षाबंधन पर सरकार द्वारा बहनों के लिए मुफ्त बस यात्रा के उपहार को निजी बस संचालक ठेंगा दिखा रहे हैं। इन्द्री बस अड्डे पर इसी तरह का मामला सामने आया। निजी बस में सवार महिलाओं ने बस अड्डे पर निजी बस परिचालक के खिलाफ रोष जताया। उन्होंने बस अड्डे प्रभारी सुखविन्द्र को टिकटें सौंप कर शिकायत की। प्रभारी ने कहा कि दो निजी बसों में यात्रा करने वाली महिलाओं ने उनके सामने शिकायतें रखी हैं। इन शिकायतों को वे उच्चाधिकारियों को भेज रहे हैं। सरकार व हरियाणा रोडवेज के आदेशों के अनुसार रक्षाबंधन से एक दिन पहले शनिवार को दोपहर 12 बजे के बाद रविवार रात 12 बजे तक बहनें अपने 15 साल तक के बच्चों के साथ मुफ्त यात्रा कर पाएंगी। लेकिन निजी बस संचालक इन आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ाते मिले। बस अड्डे पर पहुंची महिला महिन्द्रो व कमला ने बताया कि निजी बस से वे रादौर से इन्द्री पहुंची। उन्होंने परिचालक से मुफ्त यात्रा की बात की तो परिचालक ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। महिलाओं ने इस पर आपत्ति जताई तो कंडक्टर ने कहा कि निजी बस में सरकार द्वारा जारी किया गया नियम लागू नहीं होता। महिलाओं ने इस पर गहरा रोष प्रकट किया। इन्द्री बस अड्डे पर पहुंचते ही महिलाओं ने बस अड्डा प्रभारी सुखविन्द्र को निजी बस कंडक्टर द्वारा उनसे जबरन टिकट वसूलने की जानकारी दी। इसी प्रकार दूसरी घटना इन्द्री-कुरुक्षेत्र रूट की है, जहां पर एक अन्य बस कंडक्टर द्वारा शाम के समय महिलाओं की टिकटें काटी गई।
क्या कहते हैं अड्डा प्रभारी
बस अड्डा प्रभारी सुखविन्द्र ने बताया कि उनके पास महिलाएं दो निजी बस कंडक्टरों की शिकायतें लेकर आई थीं। एक बस अनमोल मोटर की है जबकि दूसरी बस कुरुक्षेत्र इन्द्री रूट की है। महिलाओं की सारी शिकायत व वसूल की गई टिकट को वे उच्च अधिकारियों के समक्ष रखेंगे। उन्होंने कहा कि निजी बसों द्वारा सरकारी आदेशों की अवहेलना करना चिंताजनक है।
बहनों को नहीं मिल पाई बसों में जगह
पानीपत (निस) : रक्षाबंधन को लेकर हरियाणा रोडवेज ने शनिवार दोपहर 12 बजे से लेकर रविवार रात 12 बजे तक बसों में महिलाओं व 15 वर्ष तक के बच्चों का सफर फ्री किया हुआ है। शनिवार को दोपहर 12 बजे तक तो बारिश होती रही और बारिश रुकी तो रक्षा बंधन पर राखी बांधने अपने मायके जाने वाली बहनों की पानीपत बस अड्डे व उसके बाहर भारी भीड़ लग गई। बस अड्डे पर ही बसें बहनों व बच्चों से भर रही थीं और बस अड्डे के बाद असंध रोड पर लाल बत्ती, जीटी रोड पर संजय चौक व गोहाना मोड़ आदि स्थानों पर तो बहनों को बैठने के लिये ही जगह नहीं मिल पाई। बहनों को अपने गंतव्य तक जाने के लिये प्राइवेट वाहनों का सहारा लेना पड़ा। हालांकि पानीपत डिपो द्वारा सभी बसों को चलाया गया था, लेकिन बहनों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि बसें भी कम पड़ गई।