For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

डॉ. गासो की शैक्षिक-साहित्यिक विरासत सहेजने को बने फाउंडेशन : नरेश कौशल

07:19 AM Nov 23, 2023 IST
डॉ  गासो की शैक्षिक साहित्यिक विरासत सहेजने को बने फाउंडेशन   नरेश कौशल
Advertisement

कुरुक्षेत्र, 22 नवंबर (हप्र)
पंजाब में जन्मे व हरियाणा को कर्मभूमि बनाने वाले प्रोफेसर, साहित्यकार एवं प्रतिबद्ध सामाजिक कार्यकर्ता डा. रविंद्र गासो का अंबेडकर भवन कुरुक्षेत्र में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में भावपूर्ण स्मरण किया गया। उल्लेखनीय है कि बीते 10 नवंबर को डेंगू बुखार के चलते उनका असामयिक निधन हो गया था। डा. रविन्द्र गासो कैथल के पूंडरी स्थित डीएवी कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर एवं हिन्दी विभागाध्यक्ष थे। पंजाब, चंडीगढ़ व हरियाणा के सैकड़ों साहित्यकार, शिक्षक व परिजन बुधवार को श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित हुए।
दैनिक ट्रिब्यून के संपादक नरेश कौशल ने कहा कि श्रद्धाजंलि सभा में विभिन्न जाति,धर्म, वर्ग व अलग-अलग वैचारिक संगठनों के लोगों की उपस्थिति बता रही है कि डॉ. गासो को समाज में कितनी व्यापक स्वीकार्यता मिली थी। उन्होंने कहा कि एक ब्राह्मण संस्कारों में पले-बढ़े डॉ़ गासो की श्रद्धांजलि सभा का अंबेडकर भवन में आयोजन होना उनकी प्रगतिशील सोच के अनुरूप ही है। उन्होंने कहा कि साहित्य ‘शिरोमणि’ ओम प्रकाश गासो की पांच मणियों की माला के सबसे छोटी मणि थे डॉ. रविंद्र गासो। लेकिन अपने पुरुषार्थ व सृजन से उन्होंने मणियों की विशिष्ट आभा हासिल की। कौशल ने उपस्थित लोगों तथा उनके परिजनों से आग्रह किया कि डॉ. गासो के सृजन को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए एक फाउंडेशन बनाएं। यही हमारी डॉ. गासो को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इस मौके पर पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने डॉ. गासो के शैक्षिक, साहित्यिक व सांस्कृतिक क्षेत्र में दिये गये योगदान का भावपूर्ण स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। ओम प्रकाश ग्रेवाल संस्थान कुरुक्षेत्र के उप सचिव ओमप्रकाश करुणेश ने उनके संस्था में दिये गए योगदान की मुक्त कंठ से सराहना की।
प्रसिद्ध साहित्यकार एवं उनके लगभग 91 वर्षीय पिता ओम प्रकाश गासो ने जब अपने पुत्र को याद किया तो सभा में उपस्थित लोगों की आंखें नम हो आई। सभा में श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों राजनेताओं व संगठनों के प्रतिनिधियों ने उन्हें बहुआयामी व्यक्तित्व का धनी बताया। शोक सभा में विधायक सुभाष सुधा की पत्नी एवं निवर्तमान नगर परिषद चेयरपर्सन उमा सुधा, डीएवी कॉलेज प्रबंध समिति दिल्ली के उपाध्यक्ष एचआर गंधार, शिक्षक नेता प्रोफेसर राजबीर पराशर, पूर्व सांसद एवं भाजपा नेता प्रोफेसर कैलासो सैनी, डीएवी कॉलेज पुंडरी, आईबी कॉलेज पानीपत, देस हरियाणा पत्रिका, सत्यशोधक फाउंडेशन, स्वतंत्रता-समता-बंधुता-मिशन भारत, हाली पानीपती ट्रस्ट, पंजाबी साहित्य सभा बरनाला, लेखक पाठक साहित सभा बरनाला, प्रीत साहित्य सदन बरनाला, एसएसडी कॉलेज बरनाला, डीएवी कॉलेज करनाल, साहित्य सभा कैथल, हरियाणा कालेज टीचर एसोसिएशन, भगवान परशुराम कालेज कुरुक्षेत्र, चौधरी ईश्वर सिंह कन्या महाविद्यालय, जनवादी लेखक संघ हरियाणा, हरियाणा फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एंड कालेज टीचर आर्गेनाईजेशन, आल हरियाणा गवर्नमेंट टीचर एसाेसिएशन, सीनियर सिटीजन फोरम, बाबू अनंत राम जनता कालेज, देवीकूप भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र, मातृभूमि सेवा मिशन, सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा कुरुक्षेत्र, गुरुनानक खालसा कालेज करनाल, नेशनल इंटिग्रेटिड मेडिकल एसोसिएशन कुरुक्षेत्र, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी, डिपॉर्टमेंट ऑफ कल्चरल एंड यूथ अफेयर केयूके, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड, जन सहयोग हेल्प कुरुक्षेत्र, ब्राह्मण संगठन अंबाला कैंट, हरियाणा केंद्रीय पंजाबी लेखक सभा, पंजाबी विभाग केयूके, प्रेरणा वृद्ध आश्रम, कुरुक्षेत्र फायर एंड सेफ्टी संस्थान, हरियाणा गवर्नमेंट एडिड कालेज प्रिंसिपल्स एसोसिएशन, मारकंडा नेशनल कालेज शाहबाद, जिला युवा कांग्रेस कुरुक्षेत्र, हरियाणा लाइब्रेरी एसोसिएशन, इंदिरा गांधी नेशनल कालेज लाडवा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) हरियाणा के प्रतिनिधियों तथा पदाधिकारियों ने डॉ़ गासो को श्रद्धांजलि अर्पित की। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव डॉ. कृष्ण चंद रलहण, प्रेरणा संस्था के संस्थापक डॉ. जय भगवान सिंगला, अध्यक्ष रेणू खुंगर, प्रोफेसर डॉ. लालचन्द गुप्त मंगल, डॉ. उषा लाल एवं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय तथा हरियाणा भर के कई शैक्षणिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी श्रद्धांजलि सभा में भाग लिया।

Advertisement

साहित्यिक-सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन में अग्रणी भूमिका
डॉ़ रविंद्र गासो साहित्यिक-सांस्कृतिक गतिविधियों के आयोजन में अग्रणी भूमिका निभाते रहे। कॉलेज शिक्षकों के संगठनों के नेता के रूप में कॉलेज व विश्वविद्यालय में अच्छा शिक्षा का माहौल निर्मित करने के लिए बहुआयामी गतिविधियों का संचालन करते थे। कुरुक्षेत्र में स्थापित डॉ. ओम प्रकाश ग्रेवाल अध्ययन संस्थान के सचिव के रूप में संस्थान को साहित्यिक-शैक्षिक गतिविधियों का मुख्य केन्द्र बनाने के लिए उन्होंने प्राणपण से कार्य किये। वे जनवादी लेखक संघ में भी सक्रिय रहे।

Advertisement
Advertisement
Advertisement