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पूर्व विधायक गोगी ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पद पर किया दावा

08:49 AM Oct 20, 2024 IST

चंडीगढ़, 19 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
असंध के पूर्व विधायक व वरिष्ठ कांग्रेस नेता शमशेर सिंह गोगी ने भी प्रदेशाध्यक्ष पद पर दावा ठोक दिया है। उन्होंने चुनाव में हार के लिए हुड्डा खेमे पर सीधे-सीधे आरोप लगाए हैं। प्रदेशाध्यक्ष चौ़ उदयभान की कार्यशैली पर वे पहले भी कई बार सवाल उठा चुके हैं। गोगी पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा सांसद कुमारी सैलजा के नजदीकियों में शुमार हैं। उन्होंने कांग्रेस छोड़कर जा रहे नेताओं को लेकर भी चिंता व दु:ख जताया है।
यहां बता दें कि गोगी ने इस बार भी असंध से कांग्रेस टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। वे भाजपा के योगेंद्र राणा से चुनाव हार गए। गोगी का कहना है कि पूर्व मंत्री किरण चौधरी के पार्टी छोड़ने की वजह से भी कांग्रेस को नुकसान हुआ है। पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव द्वारा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने पर दु:ख जताते हुए गोगी ने कहा कि एक-एक करके वरिष्ठ नेताओं का पार्टी छोड़ना नुकसानदायक है। केंद्रीय नेतृत्व को इस पर संज्ञान लेने की जरूरत है। गोगी ने कहा कि पार्टी हाईकमान और हरियाणा लीडरशिप को भी अपने कार्यकलापों पर विचार करना चाहिए। अगर एक-एक करके सभी लीडर जाते रहे तो पार्टी में कौन बचेगा।
गोगी ने कहा कि उन्हें तीन वर्षों के लिए पार्टी का प्रधान बनाया जाए। अभी पांच वर्षों के बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं। तीन वर्षों के बाद पार्टी नेतृत्व जिसे चाहे उसे चेहरा बना सकता है। पार्टी को अब कड़ी मेहनत करनी होगी। हरियाणा में कांग्रेस ने जो ग्राउंड खोया है, उसे फिर से हासिल करने के लिए दिन-रात एक करना होगा।

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केंद्र के पास ही रहेगा नायब सरकार का रिमोट : कुमारी सैलजा

पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार के अंदर कुछ भी ठीक नहीं है। अंदर ही अंदर ज्वालामुखी सा धधक रहा है, जो कभी भी लावा की तरह फूट कर बाहर आ सकता है। अभी तक की गतिविधियों से साफ है कि प्रदेश सरकार के हाथ बंधे ही रहेंगे। यहां का रिमोट केंद्र की सरकार के पास रहेगा। वहां से जैसा बटन दबेगा, सरकार आगे-पीछे चलती रहेगी। शनिवार को चंडीगढ़ से जारी बयान में सैलजा ने कहा कि राज्य सरकार के गठन और मंत्रियों को महकमे मिलने में हो रही देरी से साफ है कि मंत्रियों के बीच वर्चस्व व मलाईदार महकमे को लेकर अंदरूनी जंग चल रही है। इसलिए बार-बार दिल्ली दरबार के चक्कर मुख्यमंत्री को लगाने पड़ रहे हैं।

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