विदेशी वैज्ञानिकों ने सीखे आधुनिक खेती के गुर
समालखा, 9 अक्तूबर (निस)
एशियन अफ्रीकन रूरल डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन के तत्वावधान में विदेशी कृषि वैज्ञानिकों का 20 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बुधवार को समालखा पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल ने पट्टीकल्याणा स्थित डॉ जयपाल के जयश्री ग्रीनवे फार्म हाउस में कृषि में हरित प्रद्योगोगिकियो का बारीकी से अध्ययन किया। प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रही आईआईटी दिल्ली की एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ़ काव्या दशोरा ने बताया कि 7 से 16 अक्तूबर तक आयोजित अन्तराष्ट्रीय प्रशिक्षण प्रोग्राम में अफ्रीका, नाम्बीबिया, मलेशिया, श्रीलंका, ओमान व केन्या सहित 50 देशों के कृषि राजनयिक हिस्सा लेने यहां आये हुए हैं। आईआईटी दिल्ली के विद्यार्थी एवं अपने-अपने देशों में नीति निर्धारित करने वाले कृषि वैज्ञानिकों के इस दल ने भारतीय वैज्ञानिक तरीके से की जा रही खेती के तौर-तरीके जानने पहुंचे। भारत सरकार के निर्देशानुसार वैज्ञानिक तौर तरीकों से फूलों की खेती करने वाले जयश्री ग्रीनवे फॉर्महाउस में पहुंचकर गरबेरा, लिली ,इस्टोमा फूलों का बारीकी से अध्ययन किया। वैज्ञानिक तौर-तरीकों से खेती करने पर राज्य व नेशनल अवार्ड से सम्मानित जयश्री ग्रीनवे फॉर्म हाउस के मालिक डॉ़ जयपाल ने बताया कि वह भारत सरकार की कृषि नीति के अनुसार वैज्ञानिक तरीके से गरबेरा, लिली, इस्टोमा फूलों के अलावा लाल-पीली शिमला मिर्च , खीरा, ब्रोकली व अंग्रेजी पत्ते की 70 एकड़ में खेती कर रहे है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर का बेटा डॉक्टर, इंजीनियर का बेटा इंजीनियर और वकील का बेटा वकील बन रहा है, लेकिन विडंबना है कि एक किसान का बेटा किसानी से दूर भाग रहा है। आधुनिक खेती करके भी करोड़ों कमाए जा सकते हैं।