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14 राज्यों के लोक नृत्यों ने सभी को बनाया दीवाना

07:32 AM Nov 30, 2024 IST
14 राज्यों के लोक नृत्यों ने सभी को बनाया दीवाना
मनीमाजरा स्थित कलाग्राम में शुक्रवार को 14वें राष्ट्रीय शिल्प मेला के मौके पर पंजाब के गवर्नर और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया शिरकत करते हुए। -हप्र
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मनीमाजरा (चंडीगढ़), 29 नवंबर (हप्र)
14वां राष्ट्रीय शिल्प मेला इस बार रिद्म ऑफ इंडिया और कलर ऑफ इंडिया थीम के साथ मनाया जा रहा है। शुक्रवार को पंजाब के गवर्नर और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने नगाड़ा बजाकर इसकी शुरुआत की। उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला और चंडीगढ़ कला एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में इस मेले को आयोजित किया गया। राज्यपाल के कलाग्राम पहुंचने पर अधिकारियों और लोक कलाकारों द्वारा वाद्य यंत्र बजाकर भव्य स्वागत किया गया। राज्यपाल ने मेले में स्थापित पत्थरों में तराशे गए राशि चिन्हों को बहुत सराहा और कलाकारों की बहुत तारीफ की । इस मौके प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि राजभवन ने कलाकारों के सम्मान में हर संभव मदद की है। वे चाहते हैं कि देश के कोने-कोने में कलाकारों का सम्मान किया जाना चाहिए और ये हमारी जिम्मेदारी है। अभी भी गांवों में कई कलाकार छिपे बैठे हैं। डायरेक्टर फुरकान खान उन्हें तलाशें और यहां लेकर आएं। हम उनका सम्मान करेंगे। इस मौके पर प्रशासक की पत्नी अनीता कटारिया, एडवाइजर राजीव वर्मा, सेक्रेटरी टूरिज्म मनदीप बराड़, डायरेक्टर टूरिजम प्रद्युम्न सिंह, डायरेक्टर स्पोर्ट्स सौरभ अरोड़ा समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।
ललित कला अकादमी चंडीगढ़ द्वारा स्थापित कैंप का उद्घाटन करते हुए राज्यपाल ने पंजाब के गांव की झलक भी देखी । उद्घाटन समारोह के बाद मंच पर 51 वाद्य यंत्रों की खास संगीतमय प्रस्तुति पेश की गई, जिसका अभ्यास निदेशक फुरकान खान के निर्देशन में किया गया था। प्रस्तुति को रिद्म ऑफ इंडिया का नाम दिया गया और फिर 14 राज्यों के लोक नृत्यों ने सभी को दीवाना बनाया। इस नृत्य को कोरियोग्राफर सुशील शर्मा ने ‘कलर ऑफ इंडिया’ थीम पर तैयार कराया और फिर सूफी गायक कंवर ग्रेवाल ने समा बांधा। राष्ट्रीय शिल्प मेले के पहले दिन पंजाब के सूफी गायक कंवर ग्रेवाल ने माहौल बना दिया। उन्होंने ‘नचना पैंदा है’, ‘न जाईं मस्तां दे वेड़े मस्त बना देनगे बीबा’ के साथ-साथ ‘छल्ला’ गाया। इसके अलावा उन्होंने ‘टिकटां दो लैंली’, रंग करतार दे’ आदि गानों से भी सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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दिए लोक कला साधक अवॉर्ड

लोक नृत्य श्रेणी में राजस्थान की तेरहताल की कलाकार दुर्गा देवी और हिमाचल प्रदेश के बालक राम ठाकुर को अवॉर्ड मिला। वहीं, लोक संगीत के क्षेत्र में पंजाब के देस राज लचकानी और जम्मू-कश्मीर की गुजरी गायक ‘बेगम जान’ को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया। चारों कलाकारों को 2.5-2.5 लाख रुपए के ड्राफ्ट के साथ सम्मान पट्टिका और शाल सम्मान के रूप में भेंट किया गया। पहली बार मेले में दो युवा अवॉर्ड भी दिए गए। चयन समिति ने युवा अवॉर्ड के लिए हरियाणा के मनोज जाले और उत्तराखंड के सुधांशु बिष्ट को चुना। उन्हें मंच पर 1-1 लाख रुपए का ड्राफ्ट के साथ सम्मान पट्टिका और शाल देकर सम्मानित किया गया। मेले में बनाई गई विरासती सड़क ने भी सभी को अपनी ओर आकर्षित किया और यहां भीड़ लगी रही।

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