नजर सिर्फ मनोरंजक किरदारों पर
असीम चक्रवर्ती
अभिनेता कार्तिक आर्यन ने फिर कई बार यह साबित किया है कि वह एक अच्छे अभिनेता हैं। मगर उनकी मुश्किल यह है कि फिल्मों के चयन में वह अक्सर सही फैसले नहीं लेते हैं। उनकी सत्यप्रेम की कथा,शहजादा जैसी फिल्में इसकी मिसाल हैं। अब उन्होंने चंदू चैंपियन के जरिये फिर अपने प्रशंसकों को चौंकाने की कोशिश की है,मगर...जाहिर है अब उनके बारे में एक नई धारणा बनेगी। उनकी ताजा गतिविधियों पर एक नजर:
चंदू का हासिल
चंदू चैंपियन में कार्तिक की मेहनत को नजरअंदाज करना सही नहीं होगा। मगर इसकी फाइनल रिपोर्ट फिर हताशाजनक रही। असल में कार्तिक अभी भी यह बात समझ नहीं पाए कि इस तरह के चैलेंजिंग रोल फिलहाल उनके साथ ज्यादा मेल नहीं खा रहे हैं। इस मामले में वह जरा जल्दबाजी कर रहे हैं। लवरंजन और अनीस बज्मी, जिन दो निर्देशकों को उन्हें लाइम लाइट में लाने का श्रेय जाता है,उनकी फिल्में एकदम हल्की-फुल्की थी। उनके प्रिय निर्देशक अनीस बज्मी भी मानते हैं,उसे अपनी ताजा इमेज के साथ ज्यादा छेड़खानी नहीं करनी चाहिए।
फिर अनीस का सहारा फिल्में एकदम हल्की-फुल्की थी
कार्तिक अब जल्द फिर अनीस के निर्देशन में भूल भुलैया-3 की शूटिंग शुरू करेंगे। इससे पहले इसी सीरीज की दूसरी फिल्म भूल भुलैया-2 ने उन्हें स्टारडम की दौड़ में लंबा उछाल दिया था। मगर इसके बाद वह फिल्मों के चयन करने के मामले में बहुत ढिलाई बरत गए। तब उनसे एक बड़ी चूक यह हो गई कि उन्होंने जरा भी अपनी फिल्मों पर आत्ममंथन नहीं किया। भूल गये कि कभी प्यार का पंचनामा,सोनू के टीटू की स्वीटी ,लुका-छिपी और पति पत्नी और वह जैसी लाइट फिल्मों ने उन्हें स्टार बनाया है। मगर उन्हें बड़े बैनर,बड़े निर्देशकों की फिल्मों ने इस कदर भरमाया कि एकदम ऑफबीट फिल्में करने लगे।
मध्यवर्गीय हीरो
चंदू चैंपियन के झटके के बाद यह बात उन्हें समझ में आ गई है। इसलिए उन्होंने केवल अनीस ही नहीं, अब लवरंजन की अगली फिल्म को भी प्राथमिकता दी है। इन दोनों की ही फिल्मों में उनका रोल मध्यवर्गीय परिवार के साथ जुड़ा है। वैसे कार्तिक भी ग्वालियर के एक मध्यवर्गीय परिवार से हैं।
चॉकलेटी इमेज से बाहर
कार्तिक मानते हैं कि पहले उनकी इमेज चॉकलेटी ब्वॉय की थी। बाद में अपने दमखम पर इस इमेज की गिरफ्त से काफी हद तक बाहर निकले। वह इसकी वजह बताते हैं,‘ मैंने बहुत कम उम्र में काम करना शुरू कर दिया था, कालेज के थर्ड इयर में। तीन-चार साल बाद चेहरे पर परिपक्वता आई है। लवरंजन की सोनू के टीटू...के मेरे किरदार ने इस मामले में मेरी काफी मदद की। अब मैं इस इमेज की गिरफ्त में नहीं हूं।’लेकिन उनके इस बदलाव को फ्रेडी,चंदू चैंपियन जैसी फिल्मों ने बहुत नुकसान पहुंचाया है। .
सिर्फ अच्छी फिल्में बहरहाल, ताजा झटके से उन्होंने कई नये सबक सीखे हैं। वह कहते हैं,‘कमर्शियल या पैरेलल से अलग हटकर अब मैं सिर्फ अच्छी और टोटल इंटरटेनमेंट फिल्मों की परिकल्पना कर रहा हूं। इसलिए अब मेरी नजर मनोरंजक किरदारों पर है।’
अपसेट नहीं कार्तिक ने अपना कैरियर 2011 में प्रारंभ किया था। आज 2024 में उन्हें ऐसा लगता है कि वह अपनी जो पहचान बनाना चाहते थे,उस दिशा में वह कुछ कदम ही आगे बढ़ पाए हैं। वह बताते हैं,‘18 साल की उम्र से मैं मुबई में हूं। इस शहर में किसी एक फील्ड में अपने पांव पर खड़ा होना वाकई में मुश्किल है। भगवान की कृपा से मेरे लाइफ स्टाइल में बड़ा फर्क आया है। जो मुझे सपने के माफिक लगता है।’