लचीला दृष्टिकोण
वायरस को रोकने के लिए लॉकडाउन एक समाधान नहीं है। कोरोना को रोकने के लिए एकमात्र समाधान नियमों का कठोरता से पालन करना है। देश में धारा-144 को लागू किया जाना चाहिए। वायरस को नियंत्रित करने के लिए सावधानियां बरतना और धारा-144 ही सबसे अच्छा विकल्प है। यदि ऐसा करते हैं तो हमारी अर्थव्यवस्था भी प्रभावित नहीं होगी और वायरस को नियंत्रित करने में सक्षम होंगे। हमें लचीला दृष्टिकोण नहीं अपनाना होगा।
नरेंद्र कुमार शर्मा, भुजड़ू, जोगिंदरनगर
मिलकर काम करें
वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर ने हा-हाकार मचाया है। इस मुश्किल की घड़ी में भी नेता एक-दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। यह समय किसी के भी गुण-दोष निकालने का नहीं है, बल्कि एक-दूसरे का हौसला बढ़ाने का है। महामारी से कैसे बाहर निकलें, इस पर फोकस किए जाने की जरूरत है। इस वक्त सभी राजनीतिक, सामाजिक संगठन एकसाथ मिलकर काम करें तो बेहतर होगा।
प्रदीप कुमार दुबे, देवास
कोरोना काल में जुआ
क्रिकेट के नाम पर जुआ ख्ोलने की बात सुनकर कहीं न कहीं हमको सोचने को मजबूर कर दिया है कि समाज में क्रिकेट भी अब जुए में परिवर्तन हो गए हैं। आईपीएल को लेकर देश में कई जगह पर जुआ चल रहे हैं। प्रशासन को आईपीएल के नाम पर चल रहे जुए को बंद करने और इससे जुड़े लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।
चंदन कुमार नाथ, गुवाहाटी, असम
महामारी में कालाबाजारी
देश में कोरोना की भयावह स्थिति के बीच ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं की ब्लैक मार्केटिंग जोरों पर है। मरीजों के परिजन भारी कीमतों पर ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने को मजबूर हैं। सरकार और प्रशासन सिर्फ बयान देकर पल्ला झाड़ लेती है। सरकार को ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
जफ़र अहमद, मधेपुरा, बिहार