सावन में आस्था संग सेहत का व्रत
हिंदू धर्म के मुताबिक सावन के पूरे महीने भगवान शिव की श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। तो वहीं इस महीने में पड़ने वाले सोमवार को व्रत करने का विशेष महत्व माना जाता है। महिला हो या फिर पुरुष, हर कोई सावन के महीने में व्रत रखता है और भगवान भोले की आराधना करता है। वैसे तो लोग भोले नाथ को खुश करने के लिए इस माह में व्रत करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि सावन में फास्ट यानि व्रत रखने के कई फायदे होते हैं। यदि नहीं तो चलिए आज हम सावन में व्रत रखने से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं।
सुचारू पाचन प्रक्रिया
सावन के महीने में व्रत रखने से आपका गट यानी आपकी पाचन प्रक्रिया हेल्दी रहती है। एसिड रिफ्लक्स की दिक्कत बहुत लोगों में आम हैं। व्रत रखने से आपका एसिड रिफ्लेक्स भी नियंत्रण में रहेगा जिससे इस मौसम में होने वाली पेट संबंधी समस्याओं में आराम मिलेगा। आपकी ओवर ईटिंग करने की आदत भी चली जाएगी। धीरे-धीरे आपको अपनी हेल्थ बेहतर होती नज़र आएगी। वहीं बारिश के मौसम में व्रत रखने से मेटाबॉलिक हेल्थ अच्छी हो सकती है। आहार विशेषज्ञ भी मानते हैं कि सप्ताह में एक दिन व्रत रखना पेट संबंधी समस्याओं से निजात पाने में लाभकारी है। ऐसे में जब आप सावन में व्रत रखते हैं, तो आपकी पाचन क्रिया दुरुस्त होती है, जो पेट संबंधी अन्य समस्याओं से भी राहत मिलती है।
शुद्धिकरण
व्रत रखने से शरीर में मौजूद अपशिष्ट और विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं। ऐसे में सावन के महीने में सोमवार के दिन व्रत रखकर आप अपने शरीर को डिटॉक्स कर सकते हैं।
ब्लड शुगर पर नियंत्रण
व्रत रखने से बॉडी में इंसुलिन की कार्यक्षमता बेहतर होती है और ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा भी नियंत्रित रहती है। ऐसे में अगर आप सावन के सोमवार को व्रत रखते हैं तो आपको ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है।
फैट कम करने में मददगार
आज के समय में ज्यादातर लोगों में मोटापे की समस्या से परेशान हैं। ऐसे में अगर आप इस परेशानी से निजात पाना चाहते हैं, तो सावन में उपवास जरूर रखें। ऐसा करने पर आपका मेटाबॉलिज्म बढ़ेगा, जिससे बॉडी में जमा एक्सट्रा फैट बर्न करने में मदद
मिलती है।
व्रत के दौरान इन चीजों का करें सेवन
सावन में सात्विक भोजन का ही सेवन करना बेहतर है। इससे आपका पेट में पाचन प्रक्रिया बेहतर रहती है। दरअसल, सात्विक आहार शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। सात्विक आहार में ताजे फल और सब्जियां, गाय का दूध, नट्स, दही, जड़ें, कंद, शहद आदि शामिल होते हैं। तरबूज, ककड़ी, नारियल पानी, ताजा हर्बल पेय जैसे सात्विक खाद्य पदार्थ हाइड्रेटिंग होते हैं और इनकी प्रकृति ठंडी होती है। ये आपके शारीरिक तंत्र में जल के स्तर को ऊंचा रखते हैं और शरीर को ठंडक प्रदान करते हैं। सावन के महीने में खाया जाने वाला सात्विक भोजन शरीर को फाइबर प्रदान करता है और आसानी से पचने योग्य होता है। जब आप उपवास कर रहे हों तो ध्यान रखने योग्य कुछ युक्तियां हैं।
थोड़ा-थोड़ा और बार-बार भोजन करें। वहीं उपवास का मतलब खुद को भूखा रखना नहीं है। इस व्रत का उद्देश्य आहार में ऐसे सुपरफूड्स को शामिल करना चाहिए जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देते हैं और आंत के लिए हल्के होते हैं। थोड़ा-थोड़ा, बार-बार और हल्का भोजन करें। यह ऊर्जा के स्तर को संतुलित रखने में मदद करता है और रक्त शर्करा के स्तर को गिरने से भी रोकता है।
कुट्टू का आटा
रोटी, उत्तपम, डोसा आदि बनाने के लिए कुट्टू का आटा और अमरंथ का उपयोग करें। यह एक छद्म अनाज है जिसमें उच्च लौह सामग्री होती है जो गेहूं, चावल और रागी से कहीं अधिक है। साथ ही इसमें प्रोटीन की मात्रा अन्य अनाजों की तुलना में अधिक है।
हेल्दी स्नैक्स
सुनिश्चित करें कि चिप्स और भुजिया के सभी नमकीन पैकेटों से परहेज करें और इसके बजाय स्वस्थ स्नैक्स लें। वहीं भूख लगने पर फलों का सलाद लें। मुट्ठी भर मेवे भी आपका पेट भरा रखेंगे। आप पके हुए या उबले हुए शकरकंद बतौर एक छोटी सी डाइट भी ले सकते हैं।