बठिंडा में किसानों ने निकाला रोष मार्च
बठिंडा, 23 दिसंबर (निस)
बठिंडा में सोमवार को शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर किसान जत्थेबंदियों द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ रोष मार्च निकाल कर धरना प्रदर्शन किया गया और सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया। इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा भारत के आह्वान पर बठिंडा जिले के किसान संगठनों ने मोर्चे में हिस्सा लिया और भारत के राष्ट्रपति के नाम डिप्टी कमिश्नर को मांग पत्र दिया। आज की सभा को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि तीन साल बीत जाने के बावजूद 2020 में सरकार और किसानों के बीच हुए समझौते को लागू नहीं किया गया है। खनौरी और शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन के बावजूद सरकार तीन काले कानूनों को फिर से लागू करने जा रही है, जिन्हें किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र को कॉरपोरेट घरानों को सौंपना चाहती है। एक ओर यहां किसान अपने हक की मांग को लेकर सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं, जिनकी सुनवाई नहीं हो रही है। अगर किसान इसके लिए आंदोलन कर रहे हैं तो उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। इसी के विरोध में आज रोष मार्च निकाला गया और मार्च के बाद डिप्टी कमिश्नर बठिंडा के माध्यम से एक मांग पत्र राष्ट्रपति को भेजा गया।
इस दौरान भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के झंडा सिंह जेठुके, भारती किसान यूनियन एकता डकौंडा (धनेर) के गुरदीप सिंह रामपुरा, कुल भारतीय किसान भारती किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष बलकरण सिंह बराड़, एकता डकौंदा के बलदेव सिंह भाईरूपा आदि नेता मार्च में शामिल रहे।