ओलावृष्टि से प्रभावित गेहूं की फसल काटने लगे किसान, मांगा मुआवजा
रोहतक, 10 मार्च (हप्र)
गत 2 मार्च को हुई ओलावृष्टि से प्रभावित फसलों को देखकर किसानों का दर्द रोज ताजा हो रहा है। कई गांवों में किसानों ने ओलावृष्टि से बर्बाद हुई गेहूं की फसल को पशुचारे के लिए काटना शुरू कर दिया है। किसानों की विडंबना यह है कि पशु भी इस चारे को कम खा रहे हैं, जिससे उनका दर्द और बढ़ रहा है। उधर, अखिल भारतीय किसान सभा प्रदेश महासचिव सुमित दलाल व जिला प्रधान प्रीत सिंह ने कहा कि सरकार किसानों को ऑनलाइन, पोर्टल आदि की शर्तो में उलझाने की बजाय स्पेशल गिरदावरी करवारकर जितनी फसल में नुकसान है उसका पूरा मुआवजा दे।
गांव कंसाला निवासी नरेश, बिजेंदर, दानो, सुदेश, सतबीर, गांव मायना निवासी अशोक राठी, दिनेश सरपंच, अशोक मायना ने बताया कि गत दिनों हुई ओलावृष्टि मेें गेहूं, सरसों की फसल बुरी तरह बर्बाद हो गई। गेहूं की जो फसल खड़ी दिख रही है उसकी बाली में दाना भी न के बराबर है। किसानों ने बताया कि ओलावृष्टि इतनी ज्यादा हुई थी कि तीन-चार दिन बाद फसल के नीचे ओले पड़े मिल रहे थे। किसान नरेश व दानो ने बताया कि बची-खुची गेहूं की फसल व बाली खेतों में पड़ी गलने लगी है। चूंकि अब इनमें न तो गेहूं होगा और न तूड़ी, इसलिए कम से कम पशुओं के चारे के तो काम आ ही जाएगी। कंसाला निवासी नरेश पुत्र जीतराम, दानो मायना सरपंच दिनेश व अशोक ने बताया कि वह पिछले तीन-चार दिन से ओलावृष्टि से प्रभावित गेहूं को चारे के लिए लेकर आ रहे हैं लेकिन पशु भी बहुत कम खा रहे हैं। किसानों ने मांग की है कि सरकार तुरंत गिरदावरी करवाकर उन्हें मुआवजा दे।
वही, कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर करमचंद ने किसानों से अपील की कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर तुरंत पंजीकरण कराकर क्षतिपूर्ति पोर्टल पर डाल दो ताकि मुआवजा मिल सके।