मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

किसान महापंचायत में भरी हुंकार, मार्केट रेट लेकर रहेंगे

08:36 AM Jan 16, 2024 IST
सोनीपत के गांव नाहरा में सोमवार को टावर कंपनी द्वारा खोदे गड्ढ़ों को जेसीबी मशीन की मदद से मिट्टी डालकर भरते किसान। -हप्र

सोनीपत, 15 जनवरी (हप्र)
गांव नाहरा के खेतों में पावर ग्रिड की लाइन बिछाने को लेकर जारी विरोध के मामले ने अब तूल पकड़ना शुरू कर दिया है। धरनारत किसानों ने लाइन बिछाने के लिए खेतों में कंपनी की तरफ से खोदे गए गड्ढ़ों को मिट्टी डालकर बंद करा दिया। वहीं किसानों ने महापंचायत की जिसमें किसानों के कई संगठनों के प्रतिनिधियों के अलावा विपक्षी पार्टियों के नेता भी पहुंचे। क्षेत्र के विधायक मोहन लाल बड़ौली किसानों के बीच पहुंचे और उनकी मांग मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।
गुजरात के कच्छ से शुरू हुई हाई ट्रांसमिशन लाइन के हिस्से में लाइन बिछाई जा रही है। जिसका गांव नाहरा के किसान विरोध कर रहे हैं। सोमवार को फिर से किसानों ने महापंचायत की। जिसमें किसान नेता रवि आजाद व अभिमन्यु कोहाड़, भाजपा विधायक मोहनलाल बड़ौली, इनेलो नेता अर्जुन चौटाला, आंतिल बारहा खाप प्रधान जयभगवान आंतिल, किसान सभा के महासचिव एडवोकेट श्रद्धानंद सोलंकी, ईश्वर राठी, शीलकराम मलिक भी पहुंचे।
विधायक मोहनलाल बड़ौली ने पंचायत से आग्रह किया कि एक कमेटी का गठन करें। उसके बाद सीएम से मिलने का समय लिया जाएगा। महापंचायत ने विधायक के जाने के बाद फैसला लिया कि बुलडोजर से टावर के लिए खोदे गए गड्ढों को भर दिया जाए, जिसके तुरंत बाद उन्हें भर दिया गया।
पंचायत में नाहरा के सरपंच एवं आंतिल चौबीसा के प्रधान अधिवक्ता उमेश दहिया को सरपंच एकता समिति राई के प्रधान बिल्लू दहिया, जिला महासचिव सुनील कटारिया ने सभी 42 सरपंचों का समर्थन पत्र सौंपा। आंतिल बारहा खाप की तरफ से प्रधान जयभगवान आंतिल ने भी पंचायत को समर्थन दिया।
किसान नेताओं ने मंच से कहा कि महापंचायत में निर्णय लिया गया है कि किसानों की मांगें माने जाने तक भाजपा के नेताओं का विरोध किया जाएगा। उन्हें गांवों में नहीं घुसने दिया जाएगा। साथ ही सहमति बनने तक कंपनी के काम को भी बंद रखवाया जाएगा। नोडल अधिकारी एवं डीआरओ हरिओम अत्री के कार्यालय में सोमवार को किसान प्रतिनिधि शमशेर सिंह, सतेंद्र लोहचब आदि ने कंपनी के प्रतिनिधियों से बातचीत की और मार्केट रेट के हिसाब से मुआवजा मांगा, लेकिन उनके बीच बात नहीं बन पाई। डीआरओ हरिओम अत्री ने बताया कि मुआवजा खातों में डालने के लिए किसानों से खाता नंबर उपलब्ध करवाने को कहा है।

Advertisement

Advertisement