बारिश और ओलावृष्टि सेे किसानों की उम्मीदों पर फिरा पानी
नरवाना, 3 मार्च (निस)
शनिवार की से शुरू हुई और रातभर हुई बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों उम्मीदों पर पानी फेर दिया। गेहूं की फसलें बिछ गई और सरसों का फल-फूल भी झड़ गया।
सबसे ज्यादा नुकसान नरवाना में बताया जा रहा है तथा नरवाना में बारिश भी जिले में सबसे ज्यादा हुई है। किसानों का कहना है कि पहले के बजाय उत्पादन पर लगभग 40 प्रतिशत तक प्रभाव पड़ सकता है।
उल्लेखनीय है कि शनिवार की शाम नरवाना में भारी बारिश हुई थी। शाम को ओलावृष्टि होने के बाद रात में फिर से तेज बारिश शुरू हो गई। रात आधी रात तक तेज बारिश और ओलावृष्टि हुई। कई देर तक ओलावृष्टि होती रही। रविवार की सुबह किसानों ने खेतों में फसलों की हालत देखी तो उदास नजर आए। गेहूं की फसल बिछी पड़ी थी।
सरसों का फल भी झड़ गया, ज्यादा गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचने की संभावना है। इस समय सरसों की फसल भी लगभग तैयार थी और इसी मास के अंत फसल कटनी थी, लेकिन ओलावृष्टि से सरसों का फल झड़ गया। रामकला, धर्मपाल आदि किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल बिछ जाने के बाद पैदावार पर असर पड़ेगा। गेहूं काली भी पड़ सकती है। किसानों ने इस नुकसान के केलिए विशेष तौर पर गिरदावरी की मांग की है।
गेहूं, सरसों की फसल को भारी नुकसान, मांगा मुआवजा
जगाधरी (निस) : बीती शाम शुरू हुई बरसात रविवार सुबह तक चलती रही। बरसात के साथ चली तेज हवाओं से गेहूं व सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ। कई इलाकों में गेहूं की फसल जमीन पर बिछ गई। किसानों ने जहां खराब हुई फसल का मुआवजा मांगा है, वहीं कृषि विभाग के अधिकारी बरसात से नुकसान व फायदा दोनों ही होने की बात कह रहे हैं। जानकारी के अनुसार जगाधरी इलाके में 26 एमएम तो छछरौली इलाके में 30 एमएम बरसात रविवार सुबह तक हो चुकी थी। भगवानगढ़ गांव के किसान समै सिंह, मनीष ढांडा, सतबीर सिंह, देवीदयाल, समरजीत सिंह, नीरज अमादलपुर आदि का कहना है कि उनके इलाके में गेहूं की 70 फीसदी फसल को नुकसान हुआ है। इसके अलावा सरसो की फसल भी गिर गई है। इसी प्रकार बूडिया, दादुपुर, खारवन, महिलांवाली, अरनौली, खदरी आदि इलाके में भी गेंहू की फसल को विशेष तौर पर नुकसान हुआ है। किसानों ने सरकार खराब हुई फसल का मुआवजा मांगा है।
वर्षा, ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान
यमुनानगर (हप्र) : पिछले दो दिनों से हो रही भारी वर्षा एवं ओलावृष्टि के चलते यमुनानगर जिला में फसलों को भारी नुकसान होने की सूचना है। यमुनानगर के विभिन्न इलाकों से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार गेहूं की फसल के साथ-साथ अन्य फसलों एवं सब्जियों को भी भारी नुकसान हुआ है। आंधी, तूफान एवं ओलावृष्टि के चलते किसानों की हजारों एकड़ फसल पूरी तरह बिछ चुकी है। वर्षा के साथ तेज हवाओं के चलने से कई इलाकों में पेड़ बिजली की तारों पर जा गिरे, जिससे कहीं इलाकों में कई घंटे तक बिजली आपूर्ति बाधित रही। भारी वर्षा एवं ओलावृष्टि के चलते मौसम में फिर से भारी ठंडक हो चुकी है और तापमान में भारी गिरावट आई है।
उपायुक्त बोले
यमुनानगर के उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार ने बताया कि हरियाणा सरकार ने ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर रबी की फसलों के नुकसान का पंजीकरण के लिए 10 मार्च तक आवेदन आमंत्रित किया है।
मुआवजा देने की मांग
कुरुक्षेत्र (हप्र) : आल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के जिला सचिव कामरेड कृष्ण चंद ने ओलावृष्टि, तेज हवा व बारिश से हुए नुकसान का मुआवजा देने की सरकार से मांग की। उन्होंने बताया कि तेज हवा तथा बारिश के साथ भारी ओलावृष्टि से जिले के दर्जनों गांवो में गेंहू, सरसों तथा सब्जियों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। इससे किसान पूरी तरह से तबाह हो गए है। क्योंकि कहीं-कहीं शत-प्रतिशत फसलें नष्ट हो गई हैं। बहुत से खेतों में जल भराव ज्यादा होने से फसल पूरी तरह से जमीन पर बिछ गई है, जिससे उसका दाना भी कमजोर व काला पड़ जायेगा। इससे उत्पादन पर भी असर पड़ेगा। पहले ही कर्ज में दबे किसानों पर मौसम की मार ने और मारने का काम किया है। संगठन के जिला अध्यक्ष कामरेड राजकुमार सारसा ने बताया कि सरकार को ड्रोन से स्पेशल गिरदावरी करवानी चाहिए तथा पीड़ित किसानों को 50 हजार प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जाना चाहिए।
खराब हुई फसलों की गिरदावरी हो
कैथल (हप्र) : कैथल में शनिवार दिन में और देर रात हुई बरसात के बाद चली तेज हवाओं के कारण गेहूं और सरसों की फसल जमीन पर बिछ गई है। तेज बरसात से गेहूं और सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग ने रविवार को हरियाणा के जिन 46 शहरों में बारिश का अलर्ट जारी किया है, उनमें कैथल भी शामिल है। रविवार को सुबह धूप खिल गई। अगर अब भी शाम को बरसात नहीं आती तो तेज धूप से फसल का नुकसान कम हो सकता है। क्षेत्र के किसानों ने खराब हुई फसलों की गिरदावरी करवाने की मांग की है, ताकि उन्हें मुआवजा मिल सके। कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा है कि किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। जिला के उपायुक्तों को उचित कार्रवाई के लिए निर्देश दिए गए हैं। भारतीय किसान यूनियन के कोषाध्यक्ष सतपाल दिल्ला ने ओलावृष्टि, तेज हवा व बारिश से हुए नुकसान का मुआवजा देने की सरकार से मांग की है। किसान संगठनों ने सरकार से मांग की है कि प्रकृति के प्रकोप से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सरकार तुरंत प्रभाव से गिरदावरी करवाकर पीड़ित किसानों को 50 हजार प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दे।