बांसों पर बेलदार सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को मिलेगी लेबर की समस्या से निजात
बिजेंद्र सिंह/हप्र
पानीपत, 16 जुलाई
बागवानी विभाग की अनुदान योजनाओं का लाभ उठाकर पानीपत जिला के सैकड़ों प्रगतिशील किसान आधुनिक तरीके से सब्जियों की खेती करके अच्छा मुनाफा पा रहे हैं। बेलदार सब्जियों की पैदावार बढाने के लिये किसानों द्वारा खेतों में प्लास्टिक टनल, मलचिंग व बांस लगाकर यानि स्टैकिंग के माध्यम से खेती की जाती है। बेलदार सब्जियों के पौधे को बांसों के सहारे रस्सियों से बांधा जाता है और इससे सब्जियों की पैदावार ज्यादा होती है, लेकिन किसानों को खेतों में होने वाली खरपतवार को उखड़वाने और बांस लगाने में मजदूरों को बहुत ज्यादा लेबर देनी पड़ती है।
पानीपत एक टेक्सटाइल नगरी होने के नाते यहां के कई लाख मजदूर फैक्टरियों में काम करते है और इसलिये खेतों में काम करने वाले मजदूरों की पानीपत जिला में कमी अक्सर रहती है। खेतों में काम करने वाले मजदूरों की कमी और खरपतवार निकालने व बांस लगाने में आ रही लेबर की ज्यादा लागत के चलते जिला के कई किसानों ने मलचिंग व बांस वाली सब्जियों की खेती करना कम कर दिया है। हरियाणा बागवानी विभाग ने किसानों की इस परेशानी का समाधान करने की तरफ कदम बढ़ाया है। विभाग द्वारा पहली बार अब बेलदार सब्जियों की खेती के लिये बांस लगाने व खरपतवार को निकालने में प्रयोग होने मशीनों पर अनुदान देना शुरू किया गया है। विभाग द्वारा अब बांस लगाने के लिये गड्ढा खोदने वाली पोस्ट होल्ड डिगर मशीन, खरपतवार यानि घास काटने वाली ब्रश कटर मशीन और रोटावेटर की तरह खरपतवार को काटकर मिट्टी में मिलाने वाली पॉवर विंडर पर अब किसानों को अनुदान दिया जाएगा। किसानों को अब इन तीनो ही मशीनों को खरीदने के लिये 40 से लेकर 50 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा और ये तीनों ही मशीनें दो से लेकर पांच होर्स पॉवर तक की होंगी। विभाग का मानना है कि इससे किसानों की लेबर की लागत घटेगी और उनको मजदूरों की कमी की समस्या से भी निजात मिलेगी। हालांकि विभाग द्वारा प्लास्टिक टनल, मलचिंग व बांस लगाने पर पहले भी अनुदान दिया जाता है, पर इन तीनों मशीनों पर पहली बार अब अनुदान देना शुरू किया गया है।
‘मजदूरों की कमी को देखते शुरू किया मशीनों पर अनुदान’
उद्यान विभाग के जिला अधिकारी डाॅ. शार्दूल शंकर ने बताया कि बागवानी विभाग ने हाल ही में अपना वार्षिक एक्शन प्लान घोषित किया है और उसमें ही पहली बार विभाग द्वारा मशीनीकरण को बढ़ावा दिया गया है। विभाग द्वारा किसानों की लेबर की लागत को कम करने और खरपतवार को आसानी से निकालने को लेकर इन मशीनों पर 40 से 50 प्रतिशत अनुदान देना शुरू किया है। उन्होंने बताया कि किसानों को एचएयू हिसार के भिंडी व घीया के विकसित बीज की मिनी किट 50 प्रतिशत अनुदान पर दी जाएगी ताकि किसान कम भाव पर अच्छी गुणवत्ता का बीज लेकर अच्छी पैदावार कर सकें। उन्होंने बताया कि जिला में इस बार 400 हैक्टेयर सब्जियों का लक्ष्य रखा गया है और करीब तीन करोड़ रुपये किसानों को अनुदान दिया जाएगा।