मौसम विभाग की चेतावनी से किसानों की बढ़ी चिंता
यमुनानगर, 10 अक्तूबर (हप्र)
एक तरफ मौसम विभाग ने हरियाणा में अगले दो दिनों में बारिश की भविष्यवाणी कर किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं, वहीं मंडियों में धान लेकर आने वाले किसानों का रिकॉर्ड मेल न खाने से किसानों की धान की फसल की खरीद में दिक्कत आ रही है।
आज तड़के तेज आंधी, तूफान एवं बारिश से धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। मंडियों में खरीदी गई धान भी बारिश से प्रभावित हुई है। खुले आसमान में रखी गई धान काफी मात्रा में भीग गई, जिसको सुखाने के प्रयास किया जा रहे हैं।
दूसरी तरफ सरकारी रिकॉर्ड में किसानों का डाटा मेल न खाने से मंडियों में धान की खरीद भी सही नहीं हो रही। किसानों को इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अनाज मंडी आढ़ती संगठन के मनीष कंबोज ने बताया कि जब किसान पोर्टल पर अपने फसल का रजिस्ट्रेशन करवाता है उसके बाद सरकार की दो एजेंसियों को उस पर कार्रवाई कर रिकॉर्ड का मिलान करना होता है, लेकिन रिकॉर्ड न मिलने से किसान फसल मंडियों में आने के बावजूद खरीदी नहीं जाती। कई किसानों को फसल वापस ले जानी पड़ रही है। मार्केटिंग बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी मोहित बेरी का कहना है कि रिकॉर्ड मिसमैच की दिक्कत आ रही है, जिसे वरिष्ठ अधिकारियों को बताया गया है। इस दिक्कत को दूर करने के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मंडियों में धान का उठान भी 86% हो चुका है।
बरसात के साथ चली हवा से धान की फसल जमीन पर बिछी
जगाधरी के अमादलपुर रोड से लगते रकबे में गिरी पड़ी धान की फसल। -निस
जगाधरी (निस) : बीते चार-पांच दिनों से तापमान में उछाल था। इससे गर्मी व उमस थी। मंगलवार सुबह जगाधरी आदि इलाकों में तेज हवा के साथ बरसात हुई। अचानक खराब हुए मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। कई इलाकों में धान व पॉपलर की फसल को नुकसान पहुंचा है। मंगलवार को सुबह करीब तीन बजे जगाधरी, बूडिया, दादुपुर, खारवन, खदरी, कनालसी, बाकरपुर, परवालो, सुघ, मांडखेड़ी, मामली, मानकपुर, जडोदा, भेड़थल आदि इलाकों में बरसात के साथ तेज हवा चली। इससे कई इलाकों में धान की फसल जमीन पर बिछ गई है। क्षेत्र के किसान विनय कुमार, राजेश कुमार, संजीव कुमार, धर्मपाल आदि का कहना है कि अब 70 फीसदी धान की फसल पककर तैयार खड़ी है। तेज हवा से बड़ी व पकी हुई फसल नीचे गिरी है। किसान गौरव कुमार, अरविंद खदरी आदि का कहना है कि तेज हवा से गन्ने की फसल भी नीचे गिर गई है। इससे कई जगहों पर पॉपलर के पेड़ टूट गए हैं।