पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे किसान, प्रशासन सख्त
जींद, 14 अक्तूबर (हप्र)
कृषि विभाग और प्रशासन के लाख समझाने के बावजूद कुछ किसान खेतों में धान की फसल के अवशेष जलाने से बाज नहीं आ रहे। अब तक जिले में धान की फसल के अवशेष जलाने के 42 मामले सामने आए हैं। इनमें 9 फायर लोकेशन फेक मिली, जबकि 33 में धान की फसल के अवशेष जलाए जाने की बात सही निकली है। अवशेष जलाने के सबसे ज्यादा मामले नरवान ब्लॉक में आए हैं। डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने अधिकारियों को पराली जलाने पर नियंत्रण लगाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी किसान पराली में आगजनी करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जींद जिले में धान की फसल के अवशेषों में आग लगाए जाने की 42 लोकेशन कृषि विभाग को मिली हैं। जांच में इनमें से 9 फायर लोकेशन फेक मिली। नरवाना ब्लॉक में 22, सफीदों में 6, जींद में एक, उचाना में 4, जुलाना में एक, अलेवा में 7, पिल्लूखेड़ा में एक फायर लोकेशन मिली है। पिछले साल के मुकाबले इस साल फायर लोकेशन में लगभग 40 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
जींद जिले में धान की फसल के अवशेष जलाए जाने के मामलों को डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को पराली जलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने कहा कि फसल अवशेषों को आग लगाने से खेतों की जमीन खराब हो रही है। इससे न केवल जमीन में रहने वाले मित्र कीट खत्म हो जाते हैं, बल्कि पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हैं। उन्होंने कहा कि सुपर सीडर की मदद से फसल अवशेषों के प्रबंधन के साथ गेहूं की बिजाई कर सकता है। इसकी मदद से फसल अवशेष पूरी तरह मिट्टी में मिल जाते हैं, जिससे जमीन की उर्वरा शक्ति में भी इजाफा होता है।
हिसार में 10 चालान काटे, लगाया जुर्माना
हिसार (हप्र) : डीसी प्रदीप दहिया ने कहा कि प्रशासन फसल अवशेष व पराली जलाने के प्रति सख्त है। जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार जिले में धान अवशेषों को जलाए जाने के 11 मामले हरसेक से और 4 मामले अन्य सोर्स से प्राप्त हुए हैं। जिनमें से विभाग ने 10 चालान काटकर 27 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सहायक कृषि अभियंता ओमप्रकाश महीवाल ने बताया गया कि आगजनी को रोकने के लिए कृषि विभाग के कर्मचारी फील्ड में जाकर किसानों को जागरूक कर रहे हैं।
हथीन में 13 किसानों पर लगाया फाइन
हथीन (निस) : पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ने लगा है। पराली जलाने के आरोप में जिले के 13 किसानों पर 37 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है। डीसी डाॅ. हरीश कुमार ने किसानों से अपील की है कि वे पराली जलाएं नहीं बल्कि प्रबंधन योजना के तहत एक एकड़ पर एक हजार रुपये पाएं और जमीन की उर्वरक शक्ति बढाएं। डीसी ने बताया कि धान की फसल के अवशेषों इन-सीटू और एक्स-सीटू प्रबंधन के लिए 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। यह राशि डीबीटी के माध्यम से किसानोंं के बैंक खातों में ट्रांसफर की जा रही है। हरसेक द्वारा भेजी गई लोकेशन के आधार पर अब तक 13 किसानों के खिलाफ पराली जलाने के आरोप में 37 हजार 500 रुपए जुर्माना लगाया जा चुका है।