धान की बोली को लेकर किसान, मजदूरों ने लगाया जाम
पिहोवा, 7 अक्तूबर (निस)
पिहोवा में आज किसानों, मजदूरों व आढ़तियों ने पांच स्थानों पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। उपमंडल के गांव गुमथला, गढ़ू, कराह, थाना गांवों में जहां जाम लगाकर प्रदर्शन किया, वहीं पिहोवा शहर में नयी अनाज मंडी के सामने कुरुक्षेत्र रोड पूरी तरह से जाम कर दिया। किसानों ने भगवान परशुराम चौक पर भी जाम लगा दिया। जाम लगने के कारण यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ। पुलिस ने छोटे वाहनों को तो गलियों में वैकल्पिक मार्गों से निकाल दिया, परंतु बड़े वाहन सड़कों पर ही फंसे रहे।
जाम के बारे जानकारी देते हुए किसान नेताओं सुखदेव विर्क प्रिंस वडायच जसविंदर सिंह करण चट्ठा ने बताया कि किसानों की फसल कई दिनों से अनाज मंडी में पड़ी है, परंतु उसका कोई खरीदार ही नहीं मिल रहा। अनाज मंडी में खरीदार न होने के कारण किसानों की फसलों की बेकद्री हो रही है। मंडी में हर ओर फसल पड़ी है तथा किसान उसकी पहरेदारी में ही लग रहा है। शैलर मालिक भी उन्हें पूरे दाम नहीं दे रहे। औने-पोने दामों में ही उनकी धान की फसल खरीदना चाहते हैं। वहीं, किसानों के साथ मजदूर, पल्लेदारों ने भी जाम में हिस्सा लिया। मजदूर, किसानों ने बताया कि मंडी में बोली नहीं हो रही, जिस कारण उनका कारोबार नहीं चल रहा। मजदूरी न मिलने के कारण उनके खुद के भूखे मरने पर नौबत आ गई है। वह अपने घर से हजारों मील दूर यहां आकर मजदूरी करके अपने बच्चों का पेट पालते हैं, परंतु उन्हें मजदूरी ही नहीं मिल रही। काम न मिलने के कारण उन पर अपने रोजी-रोटी का संकट छाया हुआ है। जाम में शामिल आढ़ती संघ के प्रधान नंदलाल सिंगला ने बताया की मंडी में धान के ढेर लगे पड़े हैं। बोली व उठान न होने के कारण आढ़ती अति परेशान हैं।
सरकार की ओर से अभी तक आढ़तियों को दी जाने वाली कमीशन के बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया। वह काफी समय से अपने इस मांग को लेकर कई बार उच्च अधिकारियों से बात कर चुके हैं, परंतु इसका कोई भी समाधान अभी तक नहीं किया गया। जहां किसान, आढ़ती व मजदूर धरने पर बैठे हुए हैं, वहीं इस बारे शैलर मालिकों ने बताया की धान की फसल में नमी बहुत अधिक है, जिस कारण उसे कोई भी शैलर मलिक खरीदना नहीं चाहता। इतना ही नहीं इस धान से 40% से अधिक चावल का टुकड़ा निकलेगा, परंतु सरकार टुकड़ा 25% लेती है, जिसका नुकसान शैलर मालिकों को उठाना पड़ेगा।
वहीं, धान से निकलने वाला चावल भी काफी कम होता है, सरकार 65 किलो प्रति क्विंटल चावल मांगती है।
परंतु इसमें से 60 किलो से भी कम चावल निकलता है। यही कारण है कि शैलर मालिक भी धान खरीदने से पीछे हटे हुए हैं। कुल मिलाकर किसान, मजदूर, आढ़ती जहां धान की खरीदारी न होने के कारण परेशान हैं। वहीं, नमी के कारण सेलर मालिक भी अपने हाथ पीछे हटाए हुए हैं। शाम लगभग चार बजे एसडीएम अमन कुमार ने किसानों से बात की तथा बोली शुरू करवाने का आश्वासन देकर किसानों को अनाज मंडी लेकर गए तथा जाम खुलवाया।