शामलाती जमीन पर किसानों व ग्रामीणों को मिलेगा मालिकाना हक
चंडीगढ़, 19 अगस्त (ट्रिन्यू)
हरियाणा के गांवों के उन किसानों व ग्रामीणों के लिए अच्छी खबर है, जो शामलात जमीन पर 20 साल से भी अधिक समय से कब्जाधारी हैं। ऐसे लोगों को जमीन का मालिकाना हक दिया जाएगा। हालांकि इसमें शर्त यह रहेगी कि अधिकतम 500 वर्ग गज तक के मकानों को ही वैध माना जाएगा। नायब कैबिनेट में इस प्रस्ताव को दो बार मंजूरी दी जा चुकी है। अब सरकार ने राज्यपाल की मंजूरी के बाद अध्यादेश जारी कर दिया है।
जमीन पर मालिकाना हक के लिए किसानों और ग्रामीणों को बाजार मूल्य के आधार पर जमीन की कीमत देनी होगी। पूर्व सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में 5 मार्च को हुई कैबिनेट मीटिंग में शामलात भूमि को 20 साल से पहले पट्टे पर लेने वाले किसानों को मालिकाना हक देने के लिए निर्णय हुआ था। इसके बाद आचार संहिता लग गई और कानून में बदलाव नहीं किया जा सका। इसके बाद 12 जुलाई को सीएम नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में पंचायती जमीन पर 31 मार्च, 2004 से पहले तक अधिकतम 500 वर्ग तक का घर बना चुके परिवारों के निर्माण वैध करने की मंजूरी दी गई।
इसके अलावा खेती के लिए 20 साल के लिए पट्टे पर दी गई शामलात देह जमीन को शामलात देह के दायरे से बाहर रखने का निर्णय लिया गया जिससे हजारों किसानों को जमीन पर मालिकाना हक मिल सके।
पट्टे पर दी गई जमीन को किसान के पक्ष में करने के लिए हरियाणा ग्राम साझी भूमि (विनियमन) अधिनियम 1961 में संशोधन को मंजूरी दी गई है। विधानसभा का मानसून सत्र नहीं है। इसलिए सरकार अध्यादेश लाई है। मूल पट्टेदार, हस्तांतरित व्यक्ति या उनके कानूनी उत्तराधिकारी को स्वामित्व अधिकारों के हस्तांतरण के लिए संबंधित ग्राम पंचायत को एक राशि का भुगतान करना होगा।