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ऑफ सीजन सब्जियों का उत्पादन कर प्रेरणा बन रहा किसान विनोद कुमार

10:19 AM May 07, 2024 IST
ऑफ सीजन सब्जियों का उत्पादन कर प्रेरणा बन रहा किसान विनोद कुमार
पानीपत में अपने फार्म पर जन्नत किस्म के तरबूज की फसल दिखाता किसान विनोद कुमार। -हप्र
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बिजेंद्र सिंह/हप्र
पानीपत, 6 मई
पानीपत जिला में कई हजार किसान सब्जियों एवं फलों की खेती कर रहे हैं, पर जिसका भी सीजन होता है तो उत्पादन ज्यादा होने पर भाव कम मिलता है। जिला में एक ऐसा प्रगतिशील किसान भी है, जो कि पॉली हाउस के माध्यम से ऑफ सीजन में यानि बेमौसमी सब्जियों की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा रहा है। गांव केवल गढ़ी (जौरासी खास) का प्रगतिशील किसान विनोद कुमार अपने डिकाडला से जौरासी जाने वाली सड़क पर बने फार्म पर ऑफ सीजन की सब्जियों का उत्पादन कर रहा है। किसान ने अपने खेत में पॉली हाउस लगाया हुआ है और सब्जियों व फलों की पौध को भी अपनी 80 हजार पौधों की क्षमता वाली नर्सरी में ही तैयार करता है। जिस सब्जी का सीजन शुरू होता है तो उसकी सब्जी करीब एक माह पहले ही मंडी में आ जाती है और भाव अच्छा मिलता है। उसने पॉली हाउस में हरी, लाल व पीली शिमला मिर्च लगाई हुई है और उनका उत्पादन मार्च माह से चल रहा है। जबकि लो टनल पर एक एकड़ में लोहे के पाइप लगाकर व तीन एकड़ में बांस लगाकर करेले की सब्जी लगाई हुई है, इससे सब्जी की पैदावार ज्यादा होती है। विनोद अपने फार्म पर करेला, शिमला मिर्च, फूल गोभी, ब्रोकली, मटर, टमाटर, चपन कद्दू आदि की खेती करता है।

जन्नत तरबूज की रहती है भारी मांग

किसान विनोद कुमार ने अपने फार्म पर बनी नर्सरी में सरदा किस्म के खरबूजे और जन्नत किस्म के तरबूज की पौध तैयार करके मार्च माह के पहले सप्ताह में रोपाई कर दी थी। खरबूजे का उत्पादन अब शुरू हो चुका है और जन्नत किस्म के तरबूज का उत्पादन करीब एक सप्ताह बाद शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि जन्नत किस्म का तरबूज सबसे मीठा होता है और इसकी भारी मांग रहती है। पानीपत व दिल्ली के कई व्यापारी जन्नत तरबूज को खरीदते हैं और अब से पहले ही कई व्यापारी तरबूज खरीदने को लेकर बात कर चुके है। यह तरबूज दूसरी किस्मों के मुकाबले करीब 25 फीसदी महंगा होता है। सरदा खरबूजा शादियों व पार्टियों में चलता है और इसको आसानी से स्टोर भी किया जा सकता है।

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कंपनियों के अलावा दिल्ली मंडी में भी बेचता है सब्जियां

विनोद कुमार ने जौरासी फल एवं सब्जी उत्पादन समूह बनाया हुआ है। उनके पास मदर डेरी का कलेक्शन सेंटर है और वह अपनी सब्जियों व फलों को मदर डेरी को बेचता है और क्षेत्र के किसान भी इसी सेंटर पर सब्जी बेचते हैं। वह मदर डेरी के अलावा बिग बास्केट व रिलाइंस कंपनियों के सेंटर पर भी सब्जी देता है। यदि इनसे भी अच्छा भाव मिले तो दिल्ली की आजादपुर, ओखला, नांगलोई व केसवपुर मंडी और पानीपत की मंडी में भी सब्जी बेचता है।

बीमा अवश्य करवायें किसान : डीएचओ

डीएचओ शार्दूल शंकर का कहना है कि ऑफ सीजन की कुछ सब्जियां कई बार प्रतिकूल मौसम के चलते खराब हो जाती हैं, इसलिए इन सब्जियों का किसानों को विभाग की योजना के तहत बीमा जरूर करवाना चाहिए। किसान को थोडा-सा प्रीमियम देकर सौ फीसदी फसल खराब होने पर 30 हजार और 50 प्रतिशत खराब होने पर 15 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा मिलता है।

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