किसानों के समर्थन में उतरे खेत मजदूर संगठन
झज्जर, 24 अक्तूबर (हप्र)
ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों ने स्थानीय रेवाड़ी बाईपास पर हरियाणा सरकार द्वारा पराली जलाने को लेकर प्रदेश के सैकड़ों किसानों पर एफआईआर दर्ज करने, जुर्माना लगाने तथा फसल खरीदने पर रोक लगाने के खिलाफ रोष व्यक्त किया। उन्होंने प्रदर्शन के दौरान भाजपा सरकार की किसान मजदूर विरोधी तथा पूंजीपति परस्त नीतियों के खिलाफ नारे लगाए।
इस अवसर पर किसान संगठन की जिला कमेटी के सतपाल सभ्रवाल ने कहा कि पराली के फाने जलाने से नाममात्र प्रदूषण होता है जबकि फैक्टरियों, उद्योगों, मोटर वाहनों, जनरेटरों, गंदी नालियों-सीवर, जीव जंतुओं द्वारा श्वसन- गैसों के उत्सर्जन, जगह-जगह नागरिकों द्वारा घरों-दुकानों के बाहर कूड़ा जलाने, थर्मल पावर प्लांटों, राकेटों, त्योहारों तथा शादियों में पटाखे फोड़नेे, सड़क निर्माण तथा वनस्पति पदार्थों के गलने सड़ने से लगभग 91 प्रतिशत प्रदूषण फैलता है। लेकिन भाजपा सरकार ने किसी धुआं उगलती फैक्टरी के मालिकों के खिलाफ, काला धुआं छोड़ने वाले वाहनों के खिलाफ, घरों-दुकानों के सामने कूड़ा जलाते नागरिकों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। मजबूरी में गेहूं बोने का समय नजदीक देखकर और कोई विकल्प न होने पर फाने जलाने पर किसानों को तीन-तीन सजा एक साथ दे डाली। उन्होंने कहा कि अक्तूबर के अंतिम सप्ताह तथा नवंबर महीने में तेज गति से हवा चलनी बंद हो जाती है। प्रतिदिन जो जहरीली गैस तथा हानिकारक बारीक कण जो प्रदूषण फैलाते हैं, वे हवा के साथ उड़ जाते हैं, अर्थात दूर चले जाते हैं। परंतु जब हवा बंद होती है तब प्रदूषण का स्तर ऊंचा हो जाता है, तब हाहाकार मच जाती है।
जिला कमेटी सदस्य ओमबीर ने कहा कि यह किसानों के साथ सरासर अन्याय है। सरकार किसानों को ऐसी मशीनें उपलब्ध क्यों नहीं करवाती, जो पराली की गांठें बांध सकें या उसके टुकड़े-टुकड़े कर खेत की मिट्टी में मिला सकें। संगठन हरियाणा सरकार के इस तुगलकी फरमान की कड़ी आलोचना करता है और मांग करता है कि सरकार दर्ज किए गए मुकदमे रद्द करे, जुर्माना वापस दे तथा किसानों के पोर्टल में की गई रेड एंट्री खत्म करे। यही नहीं सरकार पराली प्रबंधन के लिए किसानों को अतिरिक्त आर्थिक सहायता दे। इस प्रदर्शन में किशन छबीली, बलवान, प्रवीण, तेजा, फुरकान, जितिन, संसार सुरहेती, तुसान, ओमवीर आदि ने भाग लिया।
खेत में पराली जलाने पर मामला दर्ज
रोहतक (निस) :
पुलिस ने खेत में पराली जलाने पर एक किसान के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एग्रीकल्चर अधिकारी सतीश कुमार ने बताया कि ग्रामीण स्तरीय निगरानी टीम ने निरीक्षण में पाया कि गांव कबुलपुर निवासी विनोद ने अपने खेत में धान की फसल के अवशेष जला रखे हैं। शिवाजी काॅलोनी थाना पुलिस ने इस संबंध में कृषि विभाग के अधिकारी की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इससे पहले भी पुलिस ने गांव डोभ निवासी एक किसान के खिलाफ भी खेत में पराली जलाने का मामला दर्ज किया था। दरअसल हरियाणा सरकार द्वारा बढ़ते प्रदूषण को लेकर प्रदेश में खेतों में पराली जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया हुआ है।
किसानों पर एफआईआर दर्ज करने पर रोष प्रकट
नारनौल (हप्र) :
आल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों ने हरियाणा सरकार द्वारा पराली जलाने को लेकर प्रदेश के सैकड़ों किसानों पर एफआईआर दर्ज करने, जुर्माना लगाने तथा फसल खरीदने पर रोक लगाने के खिलाफ रोष व्यक्त करते हुए स्थानीय लघु सचिवालय पर विरोध प्रदर्शन किया तथा रबी फसल की बिजाई के लिए सस्ते व प्रचुर मात्रा में खाद-बीज उपलब्ध कराने, पराली प्रबंधन का जिम्मा सरकार द्वारा लेने तथा किसानों को पराली प्रबंधन के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री के नाम ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा। किसान संगठन एआईकेकेएमएस के जिला प्रधान बलबीर सिंह व जिला सचिव डा. व्रतपाल सिंह ने कहा कि पराली के फाने जलाने से केवल मात्र 8-9 प्रतिशत प्रदूषण होता है। किसान नेता कामरेड बलबीर सिंह ने कहा कि यह किसानों के साथ सरासर अन्याय है। आज के प्रदर्शन में कामरेड ओमप्रकाश, यादराम कोरियावास, भरपूर सिंह सागरपुर, ईश्वर सिंह तोताहेड़ी, शेर सिंह बसीरपुर, छाजूराम रावत, रत्न लाल हवलदार, रोहताश नंबरदार आदि ने भाग लिया।