आठ सांसदों के परिजन पहुंचे विधानसभा, पंवार ने खुद जीता चुनाव
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 9 अक्तूबर
हरियाणा विधानसभा चुनाव इस बार लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों के लिए सुखद साबित हुए। आठ सांसदों के परिजनों ने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की, जबकि भाजपा के राज्यसभा सदस्य कृष्ण लाल पंवार ने इसराना से खुद चुनाव जीता। इससे राज्यसभा की एक सीट खाली हो गई, जो उपचुनाव के बाद भाजपा के खाते में जाएगी।
चार सांसदों के बच्चे, दो की माता, एक के पिता, और एक की पत्नी इस बार विधानसभा पहुंची। यह भी खास रहा कि जिन सांसदों के परिजनों को टिकट मिली, उनके परिणाम 100 प्रतिशत रहे। गुरुग्राम से भाजपा सांसद राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह राव ने अटेली से बसपा उम्मीदवार ठाकुर अत्तर लाल को 3,085 मतों से हराया। आरती सिंह राव पहली बार विधानसभा पहुंची हैं। राज्यसभा सदस्य किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी ने तोशाम से चुनाव जीतकर अपने चचेरे भाई और कांग्रेस उम्मीदवार अनिरुद्ध चौधरी को 14,257 वोटों से हराया। श्रुति चौधरी इससे पहले भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुकी हैं। हालिया लोकसभा चुनाव के बाद किरण और श्रुति ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन की थी। इसी तरह कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के बेटे आदित्य सुरजेवाला ने कैथल से भाजपा के विधायक लीला राम गुर्जर को 8,124 मतों से शिकस्त दी। आदित्य ने 2019 में अपने पिता रणदीप सिंह सुरजेवाला की हार का बदला भी लीला राम से लिया है। रणदीप सिंह सुरजेवाला इस सीट से विधायक बनते रहे हैं। वे पूर्व की हुड्डा सरकार में लगातार दस वर्षों तक हेवीवेट कैबिनेट मंत्री भी रहे। कांग्रेस सांसद जयप्रकाश ‘जेपी’ के बेटे विकास सहारण ने कलायत से भाजपा विधायक कमलेश ढांडा को 13,419 वोटों से हराया। इससे पहले जेपी खुद भी यहां से विधायक रह चुके हैं। इसी तरह रोहतक सांसद दीपेंद्र हुड्डा के पिता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने लगातार चौथी बार गढ़ी-सांपला-किलोई से चुनाव लड़ा। हुड्डा इस बार 71 हजार 465 मतों के अंतर से चुनाव जीतने में कामयाब रहे। अम्बाला लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस सांसद वरुण चौधरी की पत्नी मंजू चौधरी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित मुलाना हलके से चुनाव लड़ी। मंजू का यह पहला चुनाव था।