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फैक्टरी संचालक व बेटे को रिमांड पर भेजा

11:05 AM Sep 30, 2024 IST

सोनीपत, 29 सितंबर (हप्र)
गांव रिढाऊ में अवैध रूप से चल रही पटाखे बनाने की फैक्टरी के संचालक वेदप्रकाश व उसके बेटे करण को खरखौदा पुलिस ने न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया है ताकि घटना के साथ ही पटाखे बनाने के लिए बारूद का सामान कहां से और कैसे लाया गया, इसका पता लगाया जा सके। वहीं दूसरी तरफ पुलिस पता लगा रही है कि प्रशासन व स्थानीय ग्रामीणों की आंखों में धूल झोंककर यह खेल कब से खेला जा रहा था।
फैक्टरी मालिक ग्रामीणों को झूठ बोलकर उनकी नाक के नीचे ही मौत का सामान बना रहा था। फैक्टरी संचालक लोगों को बताता था कि वह रंग बनाने की फैक्टरी चला रहा है। ब्लॉस्ट होने के बाद लोगों के सामने उसका यह राज उजागर हुआ। वहीं पीजीआई रोहतक में दाखिल 9 में से 7 घायलों को छुट्टी मिल गई, जबकि दो घायलों की हालत में भी सुधार हो रहा है।

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ग्रामीणों की नजर बचाकर बनाए जा रहे थे पटाखे

ग्रामीणों को गुमराह कर आरोपी वेदप्रकाश गांव के बीच में ही मौत का सामान तैयार कर रहा था जिसकी किसी को भनक न लगे, इसके लिए उसने ग्रामीणों के रंग बनाने की फैक्टरी लगाने की बात बाहर बताई हुई थी जबकि उसके द्वारा फैक्टरी में मोमबत्ती भी तैयार की जाती थी। हादसे में मौत का निवाला बनी संतरा के बेटे शिकायतकर्ता श्रीभगवान ने पुलिस को बताया कि उसकी मां के कहने पर भी आरोपी ने फैक्टरी में आग से बचने के लिए अग्निशमन यंत्र नहीं लगाए थे। वहीं अब उसने पटाखे बनाने का कच्चा माल स्टोर कर रखा था और हादसे से दो दिन पहले ही उसने उत्तर प्रदेश से पटाखे बनाने के लिए कारीगर बुला लिए थे।

बेटे व भाई करते थे मदद

शिकायतकर्ता श्रीभगवान ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि वेदप्रकाश की तरफ से इस अवैध पटाखा फैक्टरी में सामान लाने और ले जाने में उसके दोनों बेटे करण और पारस मदद करते थे। इतना ही नहीं वेदप्रकाश के भाई जयप्रकाश  द्वारा तैयार किए गए पटाखों को बेचने का काम किया जाता था। ऐसे में खरखौदा पुलिस की तरफ से चारों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पिता बीमार, बेटियों ने मां को खोया

मेरठ के गांव मवाना खुर्द की रुकसाना की भी इस ब्लॉस्ट में जान चली गई, जो अपने बीमार पति इस्लाम को घर पर छोडक़र तीन बेटियों शिदरा, असरा व इकरा को अपने साथ लेकर यहां काम करने आई थी। हादसे में यह तीनों लड़कियां भी घायल हुई हैं, जबकि इस हादसे ने उनके सिर पर से मां का साया छीन लिया। हादसे की सूचना पाकर इस्लाम के परिवार वाले पीजीआई, रोहतक पहुंचे। जहां से वह शिदरा, असरा और इकरा के साथ-साथ अन्य एक घायल यास्मीन और उसके पति फरमान को भी अपने साथ मेरठ ले गए और वहां के अस्पताल में भर्ती करवाया। घायलों के स्वजनों ने बताया कि बुरी तरह से झुलसे होने के साथ-साथ सभी घायलों की मलबे में दबने से जगह-जगह से हड्डियां टूटी हुई हैं।
"तीनों शवों के पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिए हैं, दोनों आरोपितों को न्यायालय में पेश कर 4 दिन के रिमांड पर लिया गया है। पूछताछ में मेरठ से पटाखे बनाने का सामान लेकर आने बात सामने आई हैं। सोमवार को आरोपियों को वहां लेकर जाया जाएगा।"  
-अंकित कुमार, थाना प्रभारी, खरखौदा
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