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आबकारी राजस्व 6100 से 11 हजार करोड़ तक पहुंचाया : दुष्यंत

07:34 AM Feb 28, 2024 IST

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 27 फरवरी
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि उनका दृढ़ निश्चय है कि वे राज्य में दो नंबर की शराब (अवैध शराब) को रोकेंगे। बेशक, कुछ गलत लोगों की मंशा हमारी अच्छी नीतियों के खिलाफ हो। उन्होंने कहा कि बेहतरीन आबकारी नीति की बदौलत ही पिछले चार वर्षों में आबकारी राजस्व 6100 करोड़ से बढ़कर 11000 करोड़ रुपये तक पहुंचा है। वे मंगलवार को विधानसभा में इनेलो विधायक अभय चौटाला द्वारा आबकारी विभाग में प्लास्टिक की बजाय कांच की बोतलों में शराब बेचने से संबंधित दिए गए निर्देशों पर उठाए गए सवाल का जवाब दे रहे थे।
दुष्यंत ने कहा कि आबकारी विभाग ने प्रदेश में शराब को प्लास्टिक की बोतलों की बजाय कांच की बोतलों में बिक्री करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत 29 फरवरी के बाद राज्य में प्लास्टिक की बोतलों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा। विभाग का यह कदम राज्य सरकार की आबकारी नीति का पार्ट था ताकि प्रदेश में अवैध तौर पर बिक्री होने वाली शराब पर रोक लग सके। दुष्यंत चौटाला ने जानकारी दी कि कांच की बोतलों में पैक की जाने वाली शराब को ट्रांसपोर्टेशन और ट्रैक एंड ट्रेस करना आसान होगा। इससे कार्य में पारदर्शिता आएगी और दो नंबर की शराब (अवैध शराब) की बिक्री बंद होगी।
उन्होंने कहा कि अवैध शराब पर रोक लगाने के लिए अगर भविष्य में भी इस प्रकार के सकारात्मक कदम उठाने पड़े तो वे जरूर उठाएंगे। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा कांच की बोतलों में शराब बेचने के निर्देशों को कतई वापस नहीं लिया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा, शराब का ट्रांसपोर्टेशन करने वाले वाहनों के लिए ट्रैक एंड ट्रेस लागू किया है। फ्लोमीटर लगाने के साथ-साथ डिस्टलरीज में सीसीटीवी कैमरे लगाने की दिशा में सरकार ने कदम आगे बढ़ाए हैं।
विभाग द्वारा उठाए इन कदमों से आबकारी विभाग को फायदा हुआ है। इसी का परिणाम है कि वर्तमान में आबकारी राजस्व में 6100 करोड़ रुपये से बढ़कर 11000 करोड़ रुपये तक रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। अगर ये कदम नहीं उठाते तो यह राजस्व 6100 करोड़ से 4500 करोड़ रुपए हो जाता। दुष्यंत ने आबकारी विभाग में प्लास्टिक की बजाय कांच की बोतलों में शराब बेचने से संबंधित निर्देशों पर अडिग रहने की बात कही और कहा कि प्रदेश हित में वे भविष्य में भी ऐसे सकारात्मक कदम उठाते रहेंगे।

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