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देर से ही सही, प्रतिभा की कद्र तो हुई

07:54 AM Oct 05, 2023 IST
देर से ही सही  प्रतिभा की कद्र तो हुई
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प्रदीप सरदाना

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भारतीय सिनेमा की बेहद खूबसूरत अभिनेत्री वहीदा रहमान को दादा साहब फाल्के पुरस्कार मिलना निश्चय ही सुखद है। वहीदा रहमान ने अपने 68 बरस के करिअर में करीब 100 फिल्मों में काम किया है। जिनमें कई शानदार कालजयी फिल्में भी हैं। अपने अभिनय, नृत्य और अंदाज़ से वहीदा रहमान ने देश के ही नहीं, दुनिया के कई देशों के फिल्म प्रेमियों को बरसों सम्मोहित किया है। उनके साथ नायक रहे कई नायकों को भी फाल्के सम्मान कई बरस पहले मिल गया था। इसलिए दिग्गज अभिनेत्री वहीदा रहमान को अब तक फाल्के न मिलना, उनके प्रशंसकों को खटकता ही था।
पिछले बरस उनके जन्म दिन 3 फरवरी पर इंटरव्यू के दौरान उनसे फाल्के सम्मान न मिलने के बारे में पूछा तो वे बोलीं, ‘मैं भाग्य पर विश्वास रखती हूं। जो नहीं मिला उसका कोई अफसोस नहीं मनाती। हालांकि मुझसे बहुत लोग कहते हैं कि मुझे फाल्के सम्मान नहीं मिला। अब नहीं मिला पर मैं कुछ नहीं बोल सकती।’ हालांकि उनके मन में भी यह बात तो थी कि उन्हें फाल्के नहीं मिला। इसलिए अब फाल्के मिलने पर प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ‘देर आयद दुरुस्त आयद!’
अब जब सूचना प्रसारण मंत्रालय की ओर से वहीदा रहमान को वर्ष 2021 के लिए 53वां फाल्के सम्मान देने की घोषणा की गयी तो सभी के शिकवे-शिकायत दूर हो गए। दिलचस्प बात यह भी रही कि वहीदा को यह पुरस्कार देने की घोषणा जब 26 सितंबर को की गयी उस दिन देश देव आनंद के 100वें जन्मदिन का जश्न मना रहा था। वहीदा रहमान की पहली हिन्दी फिल्म ‘सीआईडी’ के नायक तो देव आनंद थे ही। साथ ही देव और वहीदा दोनों की स्क्रीन केमिस्ट्री भी बेहद शानदार रही है। दोनों ने सोलवां सावन ,काला बाज़ार, रूप की रानी चोरों का राजा और बात एक रात की जैसी फिल्मों में भी साथ काम किया। साथ ही कालजयी फिल्म ‘गाइड’ देव आनंद और वहीदा दोनों के कैरियर की सबसे बेहतरीन फिल्म है। फिल्म में राजू गाइड का देव आनंद का किरदार हो या वहीदा रहमान का रोजी वाला किरदार, दोनों इतने खूबसूरत रहे कि इस फिल्म की धूम सात समंदर पार तक रही। उधर जब देव आनंद ने 1970 में फिल्म ‘प्रेम पुजारी’ से निर्देशन में कदम रखा तब भी उन्होंने वहीदा को ही अपनी नायिका चुना। इसलिए कह सकते हैं भारत सरकार ने देव आनंद के जन्म दिन पर वहीदा को फाल्के सम्मान देकर उन्हें उपहार भेंट कर दिया।
वहीदा ने भी अपने खुशी ज़ाहिर करते हुए कहा, ‘जन्मदिन देव साहब का है और तोहफा मुझे मिल गया है।’ देव आनंद के अलावा वहीदा की जोड़ी अभिनेता गुरुदत्त के साथ खूब जमी। वहीदा की पहली फिल्म ‘सीआईडी’ में तो गुरुदत्त निर्माता थे। लेकिन बाद में गुरुदत्त ने वहीदा के साथ प्यासा, कागज के फूल, चौदहवीं का चांद और साहिब बीवी और गुलाम जैसी जो फिल्में कीं वे हिन्दी सिनेमा की अविस्मरणीय फिल्में हैं।
यूं वहीदा रहमान ने अपने दौर के जिन और मशहूर नायकों के साथ काम किया, उनमें अशोक कुमार, राज कपूर, दिलीप कुमार, धर्मेन्द्र, मनोज कुमार, सुनील दत्त, राजेन्द्र कुमार, राज कुमार, शशि कपूर, विश्वजीत, राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन शामिल हैं। नायिका के रूप में वहीदा की बेहतरीन फिल्मों में बीस साल बाद, कोहरा, दिल दिया दर्द लिया, राखी, कौन अपना और कौन पराया, पत्थर के सनम, राम और श्याम, आदमी, धरती, मुझे जीने दो, रेश्मा और शेरा, तीसरी कसम, फाल्गुन और खामोशी भी हैं। साथ ही कभी-कभी, त्रिशूल, अदालत, धर्मकांटा, नसीब, नमकीन, सवाल, नमक हलाल, हिम्मतवाला, चांदनी, लम्हे, रंग दे बसंती, दिल्ली-6, लव इन बॉम्बे और विश्वरूपम उनकी दूसरी पारी की वे उल्लेखनीय फिल्में हैं जिनमें उनका किरदार चरित्र अभिनेत्री का रहा। यूं 2021 में ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स की एक फिल्म ‘स्केटर गर्ल’ में वहीदा रहमान ने काम किया था।
इससे पहले भी वहीदा को कई सम्मान मिल चुके हैं। पद्मश्री तो इन्हें 1972 में ही मिल गया था जबकि पद्मभूषण 2011 में। ऐसे ही फिल्म ‘रेश्मा और शेरा’ के लिए इन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिल चुका है। उधर 1962 में फिल्म ‘साहिब बीवी और गुलाम’ तथा 1968 में ‘नील कमल’ के लिए वहीदा को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर भी मिला। साथ ही 1994 में फिल्म फेयर ने इन्हें अपने लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी नवाजा। बड़ी बात यह भी है कि फिल्म ‘गाइड’ के लिए इन्हें शिकागो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड मिला।
तीन फरवरी, 1938 को चेन्नई के निकट जन्मी वहीदा अपने परिवार में चार बहनों में सबसे छोटी थीं। जब वह फिल्मों में आयीं तब उनकी उम्र 16 साल थी। अब वह 85 बरस की हो गयी हैं। लेकिन दिलचस्प यह है कि अपनी बढ़ती उम्र की परवाह किए बिना वहीदा रहमान अपनी दो खास सहेलियों आशा पारेख और हेलन के साथ खूब मस्ती करती हैं। देश-विदेश की यात्रा करती हैं। वहीदा कहती हैं, ‘मुझे रोमांच खूब लुभाता है। खासकर गहरे पानी में गोता लगाने का खेल तो मुझे बहुत पसंद है।’

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