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प्रदूषण के शोर के बीच पराली से बन रहा इथेनाल

08:45 AM Oct 17, 2024 IST
प्रदूषण के शोर के बीच पराली से बन रहा इथेनाल
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महावीर गोयल/वाप्र
पानीपात, 16 अक्तूबर
धान के सीजन में इन दिनों पराली के प्रदूषण को लेकर शोर है। खासकर पंजाब और हरियाणा में धान के अवशेष पराली को जलाने से होने वाले धुएं के प्रदूषण की रोकथाम के लिए सरकार अनेक कदम उठा रही है। इस पर निगरानी रखी जा रही है। पराली जलाने पर जुर्माने का अलग से प्रावधान है। सैटेलाइट से भी निगरानी की जा रही है। पानीपत रिफाइनरी में इथेनाल प्लांट लगाया गया है। इस प्लांट में पराली से इथेनाल बनाया जा रहा है। प्लांट में किसानों से पराली खरीद की जा रही है। किसान धान के अतिरिक्त अब पराली बेचकर पैसा कमा रहे हैं। यह प्लांट किसानों के लिए आम के आम गुठलियों के दाम भी दे रहा है। रिफाइनरी में लगे इस प्लांट में दो से तीन रुपये किलो तक पराली की खरीद की जा रही है। इथेनाल प्लांट के लिए पराली वेंडर के माध्यम से खरीद होती है। यहां पूरे प्रदेश से पराली खरीदी जा रही है।
उद्यमियों ने पराली से चलने वाले ब्वायलर लगाए : जब से उद्योगों मे ब्वायलर गैस और बायोमास से चलाने की शर्त लागू की गई है। उद्यमियों ने इसके विकल्प के रुप में पराली से चलने वाले बॉयलर लगाने शुरू किए है। इन बॉयलर में पराली जलाई जा रही है। पानीपत में अभिटेक्स इंटरनेशनल पसीना कलां और वर्धमान यार्न खंडरा में पराली से चलने वाले बॉयलर लगाए जा चुके हैं। इन बॉयलर में पराली 2-3 रुपये किलो तक मिल जाती है जबकि बायोमास का भाव 7-8 रुपये प्रतिकिलोग्राम पड़ता है। इससे उद्योगों को सस्ता विकल्प मिला है। किसानों को पराली की खपत करने मे परेशानी नहीं झेलनी पड़ती। इसके अतिरिक्त गौशालाओं मे भी पराली की खपत हो रही है।
पराली जलाने की घटनाओं में कमी : पराली जलाने की घटनाओं मे कमी तो आ रही है। प्रशासन सैटेलाइट के साथ-साथ मोबाइल टीम के माध्यम से निगरानी कर रहा है। अब तक पानीपत जिले में सात लोगों पर पराली जलाने के मामले में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। नौ लोगों का चालान किया जा चुका है। 48 किसानों को पराली के प्रबंधन के लिए बेलर उपलब्ध करवाए गए हैं।

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रिफाइनरी के प्लांट की क्षमता दो लाख टन

रिफाइनरी में लगे पराली से इथेनाल बनाने के प्लांट की क्षमता दो लाख टन है। यह प्लांट आधा ही उत्पादन कर पा रहा है। चार सितंबर से सीजन शुरू हुआ है। अब तक प्लांट में 15 हजार टन पराली की खरीद की जा चुकी है। इस प्लांट में बनाने वाले इथेनाल को डीजल में मिलाया जाता है। हालांकि पराली से इथेनाल बनाने की लागत बहुत अधिक आती है। उसके बाद भी नुकसान उठाकर पराली की खपत की जा रही है ताकि किसानों को दाम मिले और लोगों को प्रदूषण से राहत मिल सके। करीब 160-170 रुपये पराली से इथेनाल बनाने की कास्ट आती है जबकि इथेनाल का भाव 60-70 रुपये मिलता है। दो वर्ष पूर्व रिफाइनरी में करीब 900 करोड़ रुपये का पराली से इथेनाल बनाने का प्लांट चालू किया गया था।

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