For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

ईडी कोर्ट ने गौरव छाबड़ा की नियमित जमानत याचिका रद्द की

07:21 AM Jun 14, 2024 IST
ईडी कोर्ट ने गौरव छाबड़ा की नियमित जमानत याचिका रद्द की
Advertisement

मोहाली,13 जून (हप्र)
मनी लॉड्रिंग मामले की सुनवाई प्रवर्तन निर्देशालय (ईडी) की स्पेशल कोर्ट में हुई। सुनवाई दौरान मामले में नामजद आरोपी गौरव छाबड़ा ने अपने वकील के माध्यम से एनआईए अदालत में अपनी नियमित जमानत याचिका लगाई थी। अदालत ने धारा 439 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई करते हुए बचाव पक्ष व सरकारी पक्ष की दलीलें सुनने के बाद गौरव छाबड़ा की नियमित जमानत याचिका को रद्द कर दिया है।
जमानत आवेदक की ओर से पेश वकील राजिंदर सिंह ने कहा कि आवेदक निर्दोष है और उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है। इस मामले में वह पिछले एक साल से ज्यादा समय से हिरासत में हैं। मामले के मुख्य आरोपी नीरज थथाई को इस अदालत द्वारा अपराधी घोषित किया गया है। आवेदक को अब किसी भी आगे की जांच या पुनर्प्राप्ति उद्देश्य की आवश्यकता नहीं है और उसकी आगे की हिरासत से अभियोजन के मामले में वृद्धि नहीं होगी। यह तर्क दिया गया कि पुलिस द्वारा आवेदक से कोई वसूली नहीं की गई और चालान पहले ही पेश किया जा चुका है और मुकदमे को समाप्त करने में काफी समय लगेगा। इसलिए प्रार्थना की जाती है कि जमानत अर्जी मंजूर की जाए।
दूसरी ओर सरकारी वकील ने यह कहते हुए जमानत अर्जी का कड़ा विरोध किया कि मैसर्स नेचर हाइट्स इंडिया लिमिटेड के मामले में आरोपी व्यक्तियों और संस्थाओं ने अग्रिम भुगतान लिया था। भोले-भाले निवेशकों से पूरा न होने की स्थिति में निर्धारित समय के भीतर पूर्ण धन वापसी के बदले संपत्तियों का कब्जा प्रदान करने का वादा किया था।
आरोपी व्यक्तियों और संस्थाओं ने न तो कब्जा प्रदान किया और न ही पैसे वापस किए जिसके लिए कई एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसके अलावा पंजाब राज्यभर में विभिन्न जिला उपभोक्ता मंचों के समक्ष कई मामले लंबित हैं। अदालत को बताया गया कि जमानत आवेदक मैसर्स नेचर हाइट्स इंफ्रा लिमिटेड का निदेशक है। उनकी मैसर्स नेचर फार्म्स एंड रियल एस्टेट प्रा. लिमिटेड और मैसर्स नेचरवे नेटवर्क एंड मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड से भी फर्म थी जिस पर दस से अधिक एफआईआर दर्ज हैं। जमानत आवेदक ने नीरज थथाई उर्फ नीरज अरोड़ा, अमित कक्कड़ और प्रमोद नागपाल के साथ मिलकर काम किया है। आरोपी मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है। यह तर्क दिया गया है कि यदि आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाता है, तो वह इसी प्रकार की गतिविधियों में शामिल हो सकता है और उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों को देखते हुए उसकी जमानत याचिका खारिज कर दिया जाए। अदालत ने इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि उसके खिलाफ 10 एफआईआर दर्ज की गई हैं। उन्होंने कहा कि अपराध की गंभीरता के साथ यह न्यायालय जमानत आवेदक गौरव को जमानत की रियायत देना उचित नहीं समझता इसलिए अभियुक्त गौरव छाबड़ा द्वारा दायर सीआरपीसी की धारा 439 के तहत जमानत अर्जी खारिज की जाती है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
×