उठान न होने से मंडियों में सड़क पर बिखरा धान
यमुनानगर (हप्र)
हरियाणा की अनाज मंडियों में धान की आवक जोरों पर है, लेकिन उठान धीमा होने से किसान व आढ़ती परेशान हैं। यमुनानगर जिला की अनाज मंडी में भी हालात इसी तरह के हैं। उठान न होने से धान सड़कों पर बिखरा पड़ा है। जैसे ही आसमान में बादल छाते हैं, आढ़ती और किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आती हैं। करोड़ों का धान सड़कों पर और मंडियों में खुले आसमान के नीचे रखे होने से कभी भी हालत बिगड़ सकते हैं, जिसको लेकर आढ़तियों ने मुख्यमंत्री से उठान में तेजी लाने की मांग की है। आढ़ती संगठन के प्रधान मनीष कंबोज का कहना है कि अधिकारियों की लापरवाही के चलते हालात कभी भी बिगड़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि अकेले यमुनानगर की मंडियों में लाखों बोरी धान खुले आसमान के नीचे रखा है। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों कार्यवाहक मुख्यमंत्री ने सीएम हाउस में मीटिंग बुलाई थी, जिसमें प्रदेश भर के आढ़ती शामिल हुए थे। इस मीटिंग में मुख्यमंत्री ने आढ़त 10 रुपये बढ़ाने की बात कही थी, और जल्दी ही इसका नोटिफिकेशन जारी करने की का वादा किया था। लेकिन जो पॉलिसी बनाकर अधिकारियों को भेजी गई है, उसमें मुख्यमंत्री की घोषणा का कोई जिक्र नहीं। किसान नेता सतपाल कौशिक ने कहा कि मंडियों में दो सप्ताह धान खरीद शुरू हो गए हैं। लेकिन आज तक भी किसानों को सरकार द्वारा घोषित भाव जो 2320 रुपए प्रति क्विंटल है, वह नहीं दिया जा रहा है। कौशिक ने कहा की किसानों को 2100 प्रति क्विंटल दिया जा रहा है, जो किसान के साथ बड़ी दुखदायी बात है। उन्होंने कहा कि अनाज मंडियों में किसान के साथ हो रही लूट पर जल्दी प्रतिबंध लगाना चाहिए अन्यथा किसान धान की ट्रालियां भरकर सड़कों पर खड़ा हो जाएगा।