‘डी’ की हार बताई तय, फिर नाम बताया और आखिर में डिलीट की पोस्ट
दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 24 अप्रैल
हरियाणा में कांग्रेसियों में टिकट को लेकर चल रहे घमासान के बीच दो दावेदार नेताओं के बयान सुर्खियां बन गए हैं। गुरुग्राम से टिकट मांग रहे पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने फिल्म अभिनेता राज बब्बर पर कटाक्ष किया है। वहीं भिवानी-महेंद्रगढ़ से टिकट मांग रहीं और यहां से सांसद रह चुकीं श्रुति चौधरी ‘एक्स’ पर एक पोस्ट करके सुर्खियों में आ गईं। उनकी टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। एक्स पर दो लाइन की पोस्ट में श्रुति ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। बड़ी बात यह है कि इन दोनों ही नेताओं की टिकट पर ‘तलवार’ लटकी है।
श्रुति ने ‘डी’ अक्षर से नाम वाले नेता की तरफ संकेत करते हुए पोस्ट में लिखा– ‘आपके की-बोर्ड में एस और एफ के बीच में है वो, जिनकी इस लोकसभा चुनाव में भिवानी-महेंद्रगढ़ से हार होने वाली है।’ अब पोस्ट डबल मीनिंग इसलिए है क्योंकि ‘डी’ से दो नेताओं के नाम हैं। पहला भिवानी-महेंद्रगढ़ से लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे मौजूदा सांसद धर्मबीर सिंह और दूसरा महेंद्रगढ़ के विधायक दान सिंह। पहली पोस्ट में श्रुति ये यह साफ नहीं किया कि वह धर्मबीर सिंह की हार निश्चित मान रही हैं या खुद का टिकट कटने पर दान सिंह के प्रत्याशी होने पर उनकी हार की पहले ही भविष्यवाणी कर रही हैं। सोशल मीडिया पर जब उनकी पोस्ट सुर्खियों में आई तो उन्होंने एक और पोस्ट करते हुए ‘डी’ का मतलब धर्मबीर सिंह बता दिया। हालांकि, इसके बाद उन्होंने दोनों पोस्ट डिलीट कर दीं।
दिल्ली से जुड़े कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की टिकटों के आवंटन में देरी की बड़ी वजहों में भिवानी-महेंद्रगढ़ संसदीय क्षेत्र भी है। हुड्डा खेमा यहां से राव दान सिंह को टिकट दिए जाने के पक्ष में है। वहीं एसआरके यानी कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और किरण चौधरी इस सीट से श्रुति चौधरी के लिए वकालत कर रहे हैं। जानकारों का कहना है– अगर श्रुति का इशारा ‘डी’ से दान सिंह की ओर है तो इसके स्पष्ट संकेत है कि उन्हें कहीं ने कहीं खुद का टिकट कटने की भनक लग गई है।
श्रुति ने पहली बार 2009 में भिवानी-महेंद्रगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। 2014 के चुनावों में भाजपा के धर्मबीर सिंह ने करारी शिकस्त दी। इन चुनावों में धर्मबीर सिंह ने 4 लाख 4 हजार 542 वोट हासिल करके जीत हासिल की। इनेलो के राव बहादुर सिंह को 2 लाख 75 हजार 148 वोट मिले और वे दूसरे नंबर पर रहे। वहीं सांसद होते हुए श्रुति चौधरी तीसरे नंबर पर जा पहुंचीं। उन्हें 2 लाख 68 हजार 115 वोट मिले।
इसके बाद 2019 के चुनाव में श्रुति लगातार दूसरी बार धर्मबीर सिंह के हाथों चुनाव हारीं। उस चुनाव में धर्मबीर सिंह ने 4 लाख 44 हजार 463 मतों के अंतर से जीत हासिल की। श्रुति चौधरी को महज 2 लाख 92 हजार 236 वोट मिले थे। जननायक जनता पार्टी की स्वाति यादव की जमानत भी नहीं बच पाई।
‘राज बब्बर क्या, रणबीर या ऋतिक को ले आओ’
पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव ने मीडिया से बातचीत में फिल्म अभिनेता और पूर्व सांसद राज बब्बर पर कटाक्ष किया। दरअसल, राज बब्बर को गुरुग्राम लोकसभा से चुनाव लड़वाए जाने की चर्चा चल रही है। राज बब्बर के आने की स्थिति में कैप्टन अजय यादव की टिकट कट जाएगी। 2019 के लोकसभा चुनाव में कैप्टन अजय यादव ने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के मुकाबले चुनाव लड़ा था और 4 लाख 95 हजार से अधिक वोट हासिल किए थे। कैप्टन यादव ने स्वीकार किया कि नेताओं के बीच आपसी सहमति नहीं होने की वजह से टिकट वितरण में देरी हो रही है। राज बब्बर का गुरुग्राम से नाम आने से जुड़े सवाल पर कैप्टन यादव ने कहा– राज बब्बर से मुझे कोई तकलीफ नहीं है। हर आदमी को चुनाव लड़ने का अधिकार है। साथ ही सवाल उठाते हुए कहा– क्या राज बब्बर ने पांच साल गुरुग्राम में पसीना बहाया है। फिल्म स्टार को ही लड़ाना चाहते हैं तो रणबीर कपूर, रणबीर सिंह या ऋतिक रोशन को ले आओ। उन्होंने कहा कि टिकट वितरण में देरी से कांग्रेस को नुकसान हो रहा है।