स्कूलों से गरीब बच्चों का ड्राॅपआउट बड़ी समस्या
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 28 अगस्त
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि स्कूलों से गरीब बच्चों का ड्राॅपआउट सबसे बड़ी समस्या है। इस चुनौती से निपटने के लिए गंभीरता से काम करने की जरूरत है। उन्होंने मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने, विद्यार्थियों को कौशल प्रशिक्षण देने और उन्हें देश की जीवंत प्राचीन परंपराओं व संस्कृति से अवगत कराने की वकालत की। वे बुधवार को चंडीगढ़ में भारतीय विद्यालय शिक्षा बोर्ड परिषद (कोबसे) के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि एससी-एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक जैसे गरीब समुदायों के बच्चों में स्कूल छोड़ने की उच्च दर हमारे लिए चिंता का विषय है। एक बार जब कोई छात्र स्कूल छोड़ देता है, तो वह न केवल अपना आत्मविश्वास खो देता है, बल्कि उसके मन में हीन भावना भी पैदा हो जाती है। यह उसके भविष्य के विकास में बाधा बनती है। इसे रोकने के लिए रणनीति तैयार करने की जरूर है, ताकि गरीब छात्र खुद से स्कूल न छोड़ें।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी द्वारा आयोजित ‘कोबसे’ वार्षिक सम्मेलन के ‘योग्यता आधारित शिक्षण और मूल्यांकन’ थीम का जिक्र करते हुए दत्तात्रेय ने कहा कि गरीब बच्चे सरकारी स्कूलों में जाते हैं। उन्होंने कहा, मेरे 40 वर्षों के अनुभव के आधार पर मुझे लगता है कि हमारी स्कूली शिक्षा को और अधिक मजबूत बनाया जाना चाहिए ताकि हमारे बच्चों का आधार मजबूत हो। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 हमारे स्कूली बच्चों को कौशल से लैस करने के लिए बहुत खास है, जो उन्हें लाभकारी रोजगार पाने में मदद करेगी।
उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा में हमें अधिक महिला शिक्षकों और अन्य सहायक कर्मचारियों की आवश्यकता है। उन्होंने राज्य की स्कूली शिक्षा को बदलने में शानदार काम करने के लिए बीएसईएच के अध्यक्ष डॉ़ वीपी यादव की भी प्रशंसा की।