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हार का गुस्सा संसद में न निकालें

08:05 AM Dec 05, 2023 IST
हार का गुस्सा संसद में न निकालें
नयी दिल्ली में सोमवार को संसद के बाहर मीडिया को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। -मुकेश अग्रवाल
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नयी दिल्ली, 4 दिसंबर (एजेंसी)
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों से आग्रह किया कि विधानसभा चुनावों में मिली पराजय का गुस्सा संसद में न निकालें। उन्होंने कहा कि हार से सीख लेते हुए पिछले 9 साल की नकारात्मकता को पीछे छोड़ें और सकारात्मक रुख के साथ आगे बढ़ें, तभी उनके प्रति लोगों का नजरिया बदल सकता है।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत से उत्साहित पार्टी के सदस्यों ने लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन में तालियां बजाते हुए जमकर नारेबाजी की। भाजपा के सदस्यों और कुछ मंत्रियों ने अपने स्थान पर खड़े होकर ‘बार-बार मोदी सरकार, तीसरी बार मोदी सरकार’ और ‘एक गारंटी, मोदी की गारंटी’ जैसे नारे लगाये। इस दौरान सदन में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे।
इससे पहले सदन के बाहर मीडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि विपक्षी दल ‘विरोध के लिए विरोध’ का तरीका छोड़ दें और देश हित में सकारात्मक चीजों में साथ दें, तो देश के मन में उनके प्रति आज जो नफरत है, वह मोहब्बत में बदल सकती है। चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों को बहुत ही उत्साहवर्धक करार देते हुए उन्होंने कहा, ‘देश ने नकारात्मकता को नकारा है।’ प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों से संसद सत्र में सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि इसी में उनकी भलाई है कि वह देश को सकारात्मकता का संदेश दें। प्रधानमंत्री ने हल्के-फुल्के अंदाज में चुटकी लेते हुए कहा कि सर्दी धीरे-धीरे आ रही है, लेकिन राजनीतिक गर्मी काफी तेजी से बढ़ रही है।
गले में तख्ती लटकाकर पहुंचे बसपा सांसद : बसपा के सांसद दानिश अली मानसून सत्र में भाजपा सदस्य रमेश बिधूड़ी की ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी के मामले में कार्रवाई की मांग करते हुए सोमवार को गले में तख्तियां लटकाकर लोकसभा में पहुंचे। इस पर हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई थी।

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डाकघर विधेयक राज्यसभा में पारित

राज्यसभा ने सोमवार को देश में डाकघर से संबंधित कानून को समेकित और संशोधित करने के उद्देश्य से लाए गए ‘डाकघर विधेयक, 2023’ को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। विधेयक के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में, डाकघर के माध्यम से उपलब्ध सेवाओं में काफी विविधता आई है। डाकघर नेटवर्क विभिन्न प्रकार की नागरिक केंद्रित सेवाओं की डिलीवरी के लिए एक प्रमुख माध्यम बन गया है, जिसके कारण मूल अधिनियम को निरस्त करना और उसके स्थान पर नया कानून लागू करना आवश्यक हो गया है। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्षी सदस्यों की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि डाक सेवाओं के निजीकरण का न तो विधेयक में कोई प्रावधान है न ही सरकार की ऐसी कोई मंशा है। उन्होंने कहा, इससे प्रक्रियाएं पारदर्शी होंगी। इस विधेयक का मकसद डाक सेवाओं को विस्तार देना है।

अधिवक्ता संशोधन विधेयक को मंजूरी

संसद ने सोमवार को ‘अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023’ को मंजूरी प्रदान की। इस विधेयक का मकसद अदालत परिसरों में दलालों की भूमिका को खत्म करना है। लोकसभा ने विधेयक पर विस्तृत चर्चा और विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के जवाब के बाद ध्वनिमत से स्वीकृति दी। राज्यसभा में यह विधेयक पिछले मानसून सत्र में पारित किया गया था। सरकार ने भारतीय विधिज्ञ परिषद के परामर्श से लीगल प्रैक्टिशनर्स एक्ट, 1879 को निरस्त करने और अधिवक्ता अधिनियम, 1961 में संशोधन करने का निर्णय लिया है।

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मोइत्रा से संबंधित रिपोर्ट नहीं हुई पेश

लोकसभा की आचार समिति की वह रिपोर्ट सोमवार को सदन की कार्यसूची के अनुसार पेश की जानी थी, जिसमें तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को ‘पैसे लेकर सवाल पूछने’ के आरोप में निष्कासित करने की सिफारिश की गई है। लेकिन इसे सदन में प्रस्तुत नहीं किया गया, जिस पर विपक्ष के कुछ सांसदों ने हैरानी जताई।

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