मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
रोहतककरनालगुरुग्रामआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

सेल्फ इम्प्रूवमेंट करें ताकि जमाने में फिट हों आप

08:44 AM Apr 18, 2024 IST
Advertisement

विवेक कुमार
'द ब्यूटी पेजंट्स ग्रीनरूम’ किताब की लेखिका रीता गंगवानी का मानना है, ‘आज हर किसी के लिए पर्सनैलिटी डेवलपमेंट उनके कैरियर और जिंदगी, दोनों ही मोर्चों पर सक्सेस के लिए जरूरी है। एक दौर था जब पर्सनैलिटी डेवलपमेंट चुनिंदा सेलिब्रिटीज के लाइफस्टाइल का हिस्सा था। लेकिन अब हर किसी के लिए यह जरूरी हो गया है।’ दरअसल पर्सनैलिटी कई चीजों से मिलकर बना एक साझा प्रभाव है। मसलन फिजिकल अपीयरेंस, मेंटल स्ट्रोंगनेस, पॉजिटिव एटीट्यूड, सांस्कृतिक मेलजोल की समझ और स्प्रिचुएलिटी। आमतौर पर पर्सनैलिटी का मतलब दिखने से लगाया जाता है जबकि दिखने से ज्यादा यह प्रजेंटेशन का मामला है। अपने आपको सलीके से व्यक्त करना और अपनी मौजूदगी को आकर्षक बनाना ही पर्सनैलिटी इम्प्रूवमेंट है।

कई पहलुओं से सजगता की जरूरत

पर्सनैलिटी इम्प्रूवमेंट के लिए कई तरह की सजगता की जरूरत पड़ती है मसलन पर्सनल हाईजीन, जब आप साफ सुथरा रहते हैं और सलीके से कपड़े पहनते हैं तो यह आपकी पर्सनैलिटी को आकर्षक बनाता है। यही बात आपकी मानसिक मजबूती और परिपक्वता से भी पैदा होती है। जब आप किसी बात पर तार्किक, महत्वपूर्ण और सोचने लायक संदर्भ के साथ जुड़ी बात कहते हैं, तो लोग आप पर ध्यान देते हैं और आपकी पर्सनैलिटी कई लोगों के बीच अलग से चिन्हित करने वाली हो जाती है। सोशल होना भी आज पर्सनैलिटी डेवलपमेंट का हिस्सा है। अलग-अलग मौकों पर अपने को सोसायटी के अनुरूप प्रस्तुत करना सिर्फ सजगता ही नहीं, जबरदस्त अनुशासन की भी मांग करता है।

Advertisement

आध्यात्मिकता की ताकत

जब आप अपनी बातचीत और व्यवहार में सभी सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों से आये लोगों के साथ बराबरी और दोस्ताना व्यवहार करते हैं तो इससे भी आपके व्यक्तित्व में एक खास तरह का प्रभाव देखने को मिलता है। वहीं सबसे जरूरी है,आपके अंदर स्प्रिचुएलटी या आध्यात्मिकता का होना। दरअसल दुनिया में हमेशा कुछ ऐसे सवाल होते हैं जिनका जवाब किसी के पास नहीं होता। ऐसे समय पर यदि हमारे पास कोई आध्यात्मिक शक्ति नहीं होगी, तो हम हीनताबोध का शिकार हो जाएंगे। यह स्थिति हमें कई असफलताओं में डिप्रेशन से बचा लेती है।

कैरियर से बढ़कर जिंदगी

हाल के दशकों में युवतियों के लिए बिना कैरियर का मतलब हो गया है कि अपनी किसी तरह की पर्सनैलिटी का ही अहसास न होना। यह कैरियर को लेकर सजगता नहीं बल्कि हमारे सारे जीवन में कैरियर का हावी हो जाना है। आप वर्किंग वुमन हैं या हाउस वाइफ, इससे खास फर्क नहीं पड़ता है। जिंदगी जीने के लिए एक अच्छे कैरियर की जरूरत होती है, लेकिन एक अच्छा कैरियर खुद में जिंदगी नहीं होती। इसलिए अपनी पर्सनैलिटी को प्रभावशाली और आकर्षक बनाये रखने के लिए खुद को महत्वपूर्ण मानें, ओहदे को नहीं।

व्यक्तित्व विकास के प्रति बेफिक्री भी सही नहीं

यह भी ठीक नहीं कि हम अपनी पर्सनैलिटी को ग्रूम करने के बजाय खुद को लेकर बेफिक्र हो जाएं, खासकर महिलाओं के मामले में इस लापरवाही के गंभीर नुकसान होते हैं। दरअसल पर्सनैलिटी डेवलप करने के कई फायदे हैं और न डेवलप करने के बहुत सारे नुकसान हैं। इसलिए पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के लिए या सेल्फ इंप्रूवमेंट को लेकर हर किसी को सजग रहना चाहिए। महिलाओं को तो खास तौरपर क्योंकि उन्हें कदम कदम पर अपनी पर्सनैलिटी की परीक्षाओं से गुजरना होता है।

बातचीत का प्रभावशाली लहजा

महिलाएं अगर सोशली एक्टिव होती हैं, स्मार्ट होती हैं, उनकी बातचीत में एक प्रभावशाली लहजा रहता है तो उन्हें हर जगह सम्मान मिलता है। अपनी जीवनशैली को लेकर लापरवाह हो जाने पर विशेषकर महिलाओं को घर के बाहर तो दूर, घर के भीतर भी वांछित सम्मान नहीं मिलता। लेकिन सेल्फ इम्प्रूवमेंट के लिए किसी दूसरे की नकल न करें। चाहे ऑफिस जाने की बात हो या पार्टी। हमेशा खुद को अपने मनमुताबिक ड्रेसअप करें। यह भी कि महंगे और ब्रांडेड कपड़े आपको कुछ और किए बिना ही प्रभावशाली व्यक्तित्व का स्वामी नहीं बना देंगे। पर्सनैलिटी में सबसे ज्यादा असर लंबी अवधि में आपकी समझ और चीजों के प्रस्तुत करने के ढंग का पड़ता है।

जनरल नॉलेज

इस सोशल मीडिया के युग में एक लेवल की जनरल नॉलेज सभी को पता होती है। अगर आपको आम लोगों के बीच खास जगह पानी है तो थोड़ा काम भी ज्यादा करना पड़ेगा। कुछ लोग छूटते ही कहते हैं मोटिवेशनल किताबों को पढ़ने से कुछ नहीं होता, जो कुछ होता है आपके अपने निजी संकल्प की दृढ़ता से होता है। लेकिन मोटिवेशनल किताबें हममें यह जज्बा पैदा करती हैं कि हम अपने किसी संकल्प को लेकर दृढ़ हो जाएं। इसलिए मोटीवेशनल किताबों का महत्व है। कुछ भी पढ़ने का फायदा होता है। इसलिए पर्सनैलिटी डेवलप करने के लिए लगातार नया कुछ पढ़ते, सोचते-विचारते रहना चाहिए।
-इ. रि. सें.

Advertisement
Advertisement