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डीक्रूटा ने विवि. प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा, आज से धरना

10:14 AM Apr 25, 2024 IST
डीक्रूटा ने विवि  प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा  आज से धरना
डीसीआरयूएसटी, मुरथल के प्रशासनिक भवन में अव्यवस्थाओं के विरोध में नारेबाजी करते शिक्षक। -हप्र
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सोनीपत, 24 अप्रैल (हप्र)
दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी),मुरथल की टीचर एसोसिएशन (डीक्रूटा) ने विवि. प्रशासन पर विश्वविद्यालय एक्ट की धज्जियों उड़ाने का आरोप लगाते हुए एक बार फिर मोर्चा खोल दिया है। डीक्रूटा ने विश्वविद्यालय पर मनमर्जी के फरमान जारी करने के आरोप लगाते हुए 25 अप्रैल यानी आज से धरना शुरू करने का ऐलान किया है। डीक्रूटा ने बुधवार को विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की तथा रोष प्रदर्शन किया। डीक्रूटा के प्रधान डॉ. सुरेंद्र दहिया ने कहा कि विवि. प्रशसन विश्वविद्यालय एक्ट की धज्जियां उड़ा रहा है। मैनेजमेंट, ह्यूमिनीटीज, कंप्यूटर साइंस, इंजीनियरिंग विभागों के कुछ अधिष्ठाताओं का कुछ समय पूर्व ही कार्यकाल पूरा हो चुका है। विश्वविद्यालय के एक्ट के अनुसार रोटेशन पर डीन की नियुक्ति समयबद्ध कुलपति द्वारा की जाती है, लेकिन अपने चहेतों को डीन के पद पर बिठाने के लिए विश्वविद्यालय एक्ट से छेड़खानी करके जानबूझ कर नियुक्ति में देरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में कमेटी पर कमेटी बनाने का दौर जारी है, धरातल पर विश्वविद्यालय में कार्य शून्य है। पिछले दिनों में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा एकतरफा आदेश के तहत आरटीआई की एक कमेटी का गठन सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए किया गया। फिर कमेटी पर शोर मचता देखकर आनन-फानन में कमेटी का फैसला वापस लिया। विश्वविद्यालय प्रशासन का पूरा समय सिर्फ कमेटियां बनाने में निकल रहा है और विश्वविद्यालय के भले से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन शैक्षणिक व्यवस्था को चौपट करने पर आमादा है। विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम की स्कीम विभाग व फैकल्टी द्वारा संबंधित यूजीसी व एआईसीटीई के नियमानुसार बनाई जाती है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा फिर से मनमर्जी के फरमान जारी करके उसके ऊपर भी एक कमेटी बना दी, ताकि यूजीसी व एआईसीटीई व सरकार के नियमों में छेड़खानी की जा सके। डीक्रूटा ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय में अव्यवस्था का आलम है। पानी की टंकियों में सफाई हुए अरसा हो गया है। विद्यार्थियों व कर्मचारियों का पीने के पानी उपलब्ध नहीं है। इससे विद्यार्थी व कर्मचारी परेशान हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन के मनमर्जी फरमानों और अव्यवस्थाओं के विरोध में डीक्रूटा के सदस्यों ने सर्वसम्मति से 25 अप्रैल से धरना देने का निर्णय किया है।

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