दवाइयों की गुणवत्ता, बदलते परिवेश में नियमों के अनुपालन पर मंथन
बीबीएन, 28 जुलाई (निस)
दवाइयों की गुणवत्ता और बदलते परिवेश में नियमों के अनुपालन को लेकर बद्दी के निकट बागबानियां ज्ञानस परिसर में सीडीएससीओ ने प्रदेश के फार्मा संगठन हिमाचल ड्रग मैनुफैक्चरिंग एसोसिएशन के साथ मिलकर एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया। इस एक दिवसीय शिविर का मुख्य उद्देश्य शेड्यूल-एम के तहत फार्मास्यूटिकल क्वालिटी सिस्टम पर मंथन करना और नए नियमों की जानकारी देना था। राज्य के ड्रग कंट्रोलर मुनीष कपूर ने बताया कि आज के शिविर का मुख्य उद्देश्य प्रांत के दवा उद्यमियों को रिवाइज्ड शेड्यूल-एम के बारे जागरूक व शिक्षित करना था। इसमें क्या बदलाव आया है, के बारे में तकनीकी शिक्षित लोगों ने अपना वक्तव्य दिया। दवाइयों की गुणवत्ता किस प्रकार बरकरार रखनी है और उसमें हमें क्या क्या परिवर्तन करना है, के बारे में अवगत कराया गया। सीडीएससीओ के संयुक्त ड्रग कंट्रोलर डा. ईश्वर रेड्डी ने बताया कि नवंबर, 2023 में केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने क्या क्या परिवर्तन किए थे व नियम बनाए थे, उसके बारे में उद्यमियों से संवाद किया गया। केंद्र सरकार के आदेश के बाद पांवटा साहिब के बाद बद्दी में यह दूसरी वर्कशॉप है जिसमें दवाइयों की गुणवता को लेकर फार्मा उद्यमियों को जानकारी दी गई।
हिमाचल ड्रग मैनुफैक्चरिंग एसोसिएशन के राज्याध्यक्ष डाॅ. राजेश गुप्ता ने बताया कि दवा उत्पादक व टैक्निकल विंग की गुणवत्तापूर्ण दवा बनाने की जिम्मेदारी तय की गई है। 310 कंपनियों ने हिमाचल के 6 जिलों से भाग लिया।
इस अवसर पर एचडीएमए के प्रदेश महासचिव मुनीष ठाकुर, प्रवक्ता संजय कुमार शर्मा, फोप के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरीश जैन, आईडीएमए के अध्यक्ष डाॅ. विरांची शाह, क्वालिटी हैड डाॅ. रेड्डी लैब अमित कुमार, हैड आरएंडडी अंकुर फार्मा सुनील जायसवाल, सैंचोर फार्मा के वाइस फार्मा शुभ्रांगशू चौधरी व डिप्टी कंट्रोलर आफ इंडिया डाॅ. नरेश शर्मा ने भी अपने विचार रखे।