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चरचा हुक्के पै

11:47 AM Apr 08, 2024 IST
चरचा हुक्के पै
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काका का रौब

अपने ‘काका’ का रौब भी गजब का है। नंबर-वन कुर्सी को भले ही त्याग दिया है, लेकिन पार्टी के नेताओं व वर्करों में उनका सम्मान है तो खौफ भी है। विगत दिवस हिसार और सिरसा में पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान इसका नजारा देखने को मिला। इन दोनों ही संसदीय सीटों पर इस तरह की शिकायतें आ रही थी कि पार्टी प्रत्याशियों के लिए कई नेता काम नहीं कर रहे हैं। वे घर पर ही आराम कर रहे हैं। काका ने ऐसे नेताओं की न केवल क्लास लगाई बल्कि उन्हें उनके ‘भविष्य’ का आईना भी दिखा दिया। रोहतक और कुरुक्षेत्र में भी ‘काका’ अपना यह जलवा दिखा चुके हैं। अब जब काका फील्ड में उतर गए हैं तो दूसरों को भी मोर्चा संभालना होगा। आनाकानी करने या फिर पार्टी के खिलाफ चलने की सोचना भी भाजपा संगठन में बड़े ‘क्राइम’ की कैटेगरी में आता है। कांग्रेस में बेशक, इस तरह का कल्चर हो, लेकिन भाजपा में इस तरह का कुछ करने वालों के लिए ‘माफी’ नहीं है। सो, जल्द ही नतीजे देखने को मिल सकते हैं।

चौधरी का आना

बांगर वाले चौधरी की भी घर वापसी हो रही है। उनके पुत्र पहले ही कांग्रेस का पटका पहन चुके हैं। आईएएस सेवाओं से वीआरएस लेकर भाजपा टिकट पर हिसार से सांसद बने नेताजी इस बार का चुनाव कांग्रेस टिकट पर लड़ने के मूड में हैं। जिस तरह से चौधरी और उनके बेटे की कांग्रेस में एंट्री हुई है, उससे स्पष्ट है कि टिकट को भी कोई जोखिम नहीं है। भले ही, प्रदेश इकाई की ओर से उनका नाम किसी भी सीट पर अभी तक नहीं रखा गया था, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व के स्तर पर उनका नाम हिसार के साथ सोनीपत से भी चर्चाओं में है। बांगर वाले बड़े चौधरी के समर्थकों का मानना है कि इस बार परिवार दोनों में से किसी भी सीट से चुनाव लड़ने को तैयार है। 9 अप्रैल को बड़े नेताजी की कांग्रेस में एंट्री होगी। ऐसे में इसके बाद ही टिकटों का फैसला होगा।

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नीतिगत फैसला

कांग्रेस के दिल्ली गलियारों में चर्चा है कि पार्टी आलाकमान ने हरियाणा को लेकर एक नीतिगत फैसला कर लिया है। इसके तहत लोकसभा चुनावों में एक ब्राह्मण, एक गुर्जर और एक यादव को टिकट मिलना तय है। बेशक, पिछले चुनावों में भी यह फार्मूला लागू हुआ था, लेकिन इस बार परिस्थिति कुछ बदली हुई थी। पार्टी के इस नीतिगत फैसले के चलते कई ‘भाई लोगों’ की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। यह नीतिगत फैसला अगर लागू होता है तो फरीदाबाद संसदीय सीट से पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह या उनके बेटे विजय प्रताप सिंह की लाॅटरी लगनी तय है। गुरुग्राम में दो यादव नेताओं के बीच जरूर पेच फंस सकता है। वहीं सोनीपत या करनाल में से किसी एक जगह ब्राह्मण प्रत्याशी का भी इस फार्मूले के तहत चुनावी मैदान में आना तय है।

‘चांद’ के लिए अड़ी तिकड़ी

प्रदेश कांग्रेस का एसआरके ग्रुप यानी कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और किरण चौधरी की ‘तिकड़ी’ हिसार संसदीय सीट से पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन बिश्नोई को टिकट देने की मांग पर अड़ गई है। बेशक, किरण चौधरी बैठकों का हिस्सा नहीं रहीं, लेकिन सैलजा और रणदीप द्वारा चंद्रमोहन की पूरी वकालत किए जाने की खबरें हैं। चंद्रमोहन, भूतपूर्व सीएम स्व. चौ. भजनलाल के ज्येष्ठ पुत्र हैं और उनकी गिनती सैलजा के नजदीकी नेताओं में होती है। चंद्रमोहन के बहाने सैलजा एक तीर से कई शिकार करना चाहती हैं। अगर चंद्रमोहन हिसार से चुनावी रण में आते हैं तो सिरसा संसदीय क्षेत्र पर भी इसका असर पड़ता है। सभी तरह के समीकरणों को साधने की कोशिश के बीच एसआरके ग्रुप ने चंद्रमोहन का नाम आगे बढ़ाया है।

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टेंशन में भाई लोग

हरियाणा की नायब सरकार के मंत्रियों और विधायकों की टेंशन बढ़ी हुई है। उनके सामने लोकसभा चुनावों को लेकर बड़ी चुनौती है। कई नये चेहरे हैं जो पहली बार कैबिनेट में शामिल हुए हैं। पार्टी ने लोकसभा की सभी दस सीटों पर कमल खिलाने का लक्ष्य रखा है। इसमें मंत्रियों और विधायकों की भी अहम भूमिका होगी। दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनावों में दस संसदीय सीटों के अंतर्गत आने वाले नब्बे विधानसभा हलकों में से 79 में भाजपा प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी। भाजपा ने अपने सभी चालीस विधायकों के अलावा चुनाव लड़ चुके और विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदार नेताओं को यह टास्क सौंप दिया है। सोमवार को सीएम नायब सिंह सैनी इस संदर्भ में मंत्रियों के साथ अनौपचारिक बैठक में भी चर्चा करेंगे और इसके बाद भाजपा विधायक दल की बैठक में भी सभी की ड्यूटी लगेगी।

जजपा के सामने चुनौती

करीब साढ़े चार वर्षों तक सत्तारूढ़ भाजपा के साथ गठबंधन सहयोगी रही जननायक जनता पार्टी (जजपा) के ‘भाई लोगों’ की चुनौतियां बढ़ी हुई हैं। पिछले दिनों बड़े कद वाले ‘पूर्व छोटे सीएम’ का नारनौंद हलके में कुछ जगहों पर विरोध हुआ। विरोध काफी तगड़ा था। हालांकि एक गांव में तो विरोध करवाने में नेताजी की पुरानी पार्टी के लोगों की भूमिका मानी जा रही है। जजपा की ओर से अभी तक भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर राव बहादुर सिंह को टिकट दिया है। बाकी की नौ सीटों पर फैसला होना बाकी है। यह भी चर्चा थी कि हिसार से ‘परिवार’ का ही कोई सदस्य चुनाव लड़ेगा। इस बार पार्टी आखिर किस पर दांव लगाएगी, इस पर सभी की नज़र है। साथ ही, लोगों में प्रदेश की सबसे हॉट सीट यानी करनाल से उतरने वाले जजपा के प्रत्याशी पर भी नजर है। पार्टी दावा कर चुकी है कि मनोहर लाल के सामने मजबूत प्रत्याशी उतारा जाएगा।
-दादाजी

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