For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

‘अंतःकरण में ज्ञान, वैराग्य को जन्म देती है भक्ति’

08:40 AM May 13, 2024 IST
‘अंतःकरण में ज्ञान  वैराग्य को जन्म देती है भक्ति’
यमुनानगर में रविवार को आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में प्रवचन करते प्रकाश चैतन्य महाराज। -हप्र
Advertisement

यमुनानगर,12 मई (हप्र)
श्रीलाल द्वारा मंदिर में हरि यमुना सहयोग समिति के तत्वावधान में श्रीमद्भागवत कथा के दसवें पड़ाव में प्रवचन देते हुये प्रकाश चैतन्य महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण की रचना भगवान वेदव्यास ने कब, क्यों और कैसे की इसपर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति करना ही मानव जीवन का परम धर्म है और वह भक्ति ही हमारे अंतःकरण में ज्ञान और वैराग्य को जन्म देती है। भक्ति ज्ञान बैरागी की जननी है और जब तक जीव भागवत सेवा नहीं करेगा, भगवान की भक्ति नहीं करेगा। तब तक जीवन में किसी प्रकार से कल्याण नहीं होगा।
श्रीमद्भगवद्गीता के जरिए व्यक्ति अपने जीवन की कई समस्याओं का हल खोज सकता है। गीता में महाभारत युद्ध के दौरान कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने जो उपदेश दिए थे। वह सभी गीता में बताए गए हैं। गीता में ज्ञान, भक्ति और कर्म योग को बहुत ही अच्छे ढंग से समझाया गया है। उन्होंने कहा कि राजा परीक्षित के कारण भागवत कथा पृथ्वी के लोगों को सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। समाज द्वारा बनाए गए नियम गलत हो सकते हैं किंतु भगवान के नियम न तो गलत हो सकते हैं और नहीं बदले जा सकते हैं।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
×