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भाजपा की आंधी में ढह गया देवीलाल परिवार का जींद का किला

10:52 AM Oct 09, 2024 IST

जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 8 अक्तूबर
पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल और पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के परिवार का सबसे मजबूत राजनीतिक किला माना जाने वाला जींद इस बार भाजपा की आंधी में ढह गया। अभय चौटाला की इनेलो और दुष्यंत चौटाला की जजपा का जींद में जो हश्र हुआ है, जाहिर है कि उससे उबरने में अब उन्हें काफी वक्त लगेगा। जींद 2019 के विधानसभा चुनाव तक चौधरी देवीलाल के परिवार का मजबूत राजनीतिक गढ़ रहा। 2019 के चुनाव में चौ. देवीलाल के परिवार के अजय चौटाला की जजपा ने जींद जिले की 5 में से 3 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। खुद दुष्यंत चौटाला उचाना कलां से भाजपा की प्रेमलता को लगभग 48000 मतों के अंतर से पराजित कर और प्रदेश में जजपा के 10 विधायकों के दम पर मनोहर लाल सरकार में उपमुख्यमंत्री बने थे। इससे पहले 2009 में जींद जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर इनेलो की जीत हुई थी, तो 2014 में भी इनेलो ने जींद की 3 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। 1987 में चौधरी देवीलाल ने जींद जिले की उस समय की सातों विधानसभा सीटों पर लोकदल की जीत को सुनिश्चित किया था, जिसके वह मुखिया थे।
दुष्यंत की ज़मानत जब्त
उचाना कलां से दुष्यंत चौटाला महज 7481 वोट पर सिमट गए, और पांचवें स्थान पर रहे। उनकी जमानत जब्त हो गई।
इसी तरह जुलाना से जजपा के निवर्तमान विधायक अमरजीत ढांडा महज 2078 वोट ले पाए और वह भी अपनी जमानत नहीं बचा पाए। जींद से जजपा प्रत्याशी प्रदेश के पूर्व मंत्री प्रोफेसर परमानंद के बेटे धर्मपाल इंजीनियर लगभग 1014 वोट ही ले पाए और उनकी भी जमानत जब्त हो गई। सफीदों से जजपा के सुशील बैरागी को 814, नरवाना से जजपा की संतोष दनौदा को 1547 वोट मिले और इन सभी की की जमानत जब्त हुई।
परिवार में टूट के बाद भी नहीं हुआ था ऐसा हाल
जींद जिले में चौधरी देवीलाल के परिवार का राजनीतिक रूप से जितना बुरा हाल इस बार हुआ है, उतना बुरा हाल तो 2018 में चौटाला परिवार में हुई टूट के बाद भी नहीं हुआ था। जब 2018 में चौटाला परिवार में टूट हुई थी, तब इनेलो से अलग होकर पूर्व सांसद अजय चौटाला ने अपनी अलग पार्टी जजपा के नाम से बनाई थी, और जजपा जींद की 5 में से 3 विधानसभा सीट जीतने में सफल रही थी।

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दुष्यंत की पार्टी को मिले कुल 12934 वोट
2019 में उचाना कलां से 48000 मतों के अंतर से जीतने वाले दुष्यंत चौटाला और उनकी पार्टी के चार अन्य प्रत्याशी जींद जिले में महज 12934 वोटों पर सिमट कर रह गए। चौधरी देवीलाल के परिवार की दूसरी पार्टी इनेलो का प्रदर्शन जींद जिले में भले ही जजपा से बेहतर रहा, लेकिन नरवाना में विद्या दनौदा को छोड़कर बाकी चारों विधानसभा क्षेत्रों में इनेलो-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए। जींद के इतिहास में यह पहला मौका है, जब चौधरी देवीलाल के परिवार को एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई, और यह परिवार चुनाव में उपस्थिति भी नहीं दर्ज करवा पाया।

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