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देवीलाल, चौटाला परिवार को अपने गढ़ में लड़नी पड़ी अस्तित्व की लड़ाई

07:31 AM Oct 07, 2024 IST

जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 6 अक्तूबर
पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के परिवार की दोनों पार्टियों ने इस बार जींद में महज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ी। अस्तित्व की इस लड़ाई में इनेलो ने जहां केवल नरवाना विधानसभा सीट पर फोकस किया, वहीं जजपा ने अपनी सारी ताकत उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र में लगाई। देवीलाल परिवार के लिए यह पहला मौका था, जब जींद में इस परिवार की सारी ताकत केवल दो विधानसभा सीटों पर लगी।
हरियाणा के मध्य में स्थित जींद जिला पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल और पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला का सबसे बड़ा मजबूत राजनीतिक गढ़ रहा है। देवीलाल और चौटाला के इस गढ़ को भेदने में विरोधियों को नाकों चने चबाने पड़ते थे। जींद के लोगों ने 2005 को छोड़कर कभी भी चौधरी देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला को निराश नहीं किया। 5 अक्तूबर को हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार चौधरी देवीलाल और ओमप्रकाश चौटाला के पुराने मजबूत गढ़ जींद में उनके परिवार की दोनों पार्टियों के लिए हालात पूरी तरह से बदले हुए थे। पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के छोटे बेटे अभय चौटाला की पार्टी इनेलो ने जींद जिले में केवल नरवाना विधानसभा सीट पर अपना सारा फोकस किया। नरवाना से इनेलो ने विद्या दनौदा को प्रत्याशी बनाया था, जो कांग्रेस टिकट नहीं मिलने पर इनेलो में शामिल हुई थी। चुनावी संग्राम में विद्या दनौदा की स्थिति काफी मजबूत रही। उनके लिए अभय चौटाला से लेकर खुद ओमप्रकाश चौटाला ने प्रचार किया। जींद में ओमप्रकाश चौटाला केवल नरवाना में चुनावी प्रचार पर आए थे। भले ही 25 सितंबर को पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के जन्मदिवस पर इनेलो ने उचाना में रैली की थी, लेकिन उचाना में अपनी पार्टी के प्रत्याशी के लिए अभय या ओमप्रकाश चौटाला ने और कोई कार्यक्रम नहीं किया, जबकि नरवाना में अभय और ओमप्रकाश चौटाला ने सारी ताकत लगाई।

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जजपा ने केवल उचाना में झोंकी ताकत

पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला की जजपा जींद को अपनी जन्मस्थली और राजनीतिक कर्मभूमि बताती है। 9 दिसंबर, 2018 को जींद की धरती पर जजपा अस्तित्व में आई थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में जजपा ने जींद जिले की 5 में से 3 विधानसभा सीटों जुलाना, उचाना और नरवाना में जीत दर्ज की थी। उचाना से तो दुष्यंत चौटाला 48000 के बड़े अंतर से चुनाव जीत कर मनोहर लाल सरकार में उप मुख्यमंत्री बने थे। 5 अक्तूबर को हुए विधानसभा चुनाव में जजपा की हालत यह हो गई कि उसने अपनी जींद में बची-खुची सारी ताकत को केवल उचाना विधानसभा क्षेत्र में झोंकना पड़ा। उचाना में पार्टी प्रत्याशी दुष्यंत चौटाला ने खुद पूरे विधानसभा क्षेत्र का कई बार दौरा किया, तो उनकी माता नैना चौटाला और अजय चौटाला भी चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे। पार्टी के सारे कार्यकर्ता उचाना में लगा दिए गए थे। उचाना के अलावा जजपा ने सफीदों, जुलाना, नरवाना और जींद में ज्यादा ताकत नहीं लगाई, तथा पार्टी उचाना के अलावा कहीं अपनी उपस्थित तक दर्ज नहीं करवा पाई।

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