For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

शिक्षा संस्कृति के समन्वय से समाज का विकास संभव

06:44 AM Nov 13, 2024 IST
शिक्षा संस्कृति के समन्वय से समाज का विकास संभव
पानीपत में आईबी कालेज में आयोजित इंटर जोनल युवा महोत्सव बोलते शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा। -वाप्र
Advertisement

पानीपत, 12 नवंबर (वाप्र)
शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने कहा कि शिक्षा तथा संस्कृति के समन्वय से समाज का विकास संभव है। समाज विकास के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि हमारी गौरवशाली संस्कृति की समृद्ध परम्परा को जीवित रखने तथा उसके प्रसार के लिए इस तरह के जीवंत कार्यक्रम लगातार होते रहने चाहिए। शिक्षा तथा संस्कृति के संतुलित तालमेल से युवा वर्ग समाज को नयी दिशा देता है।
शिक्षा मंत्री आईबी महाविद्यालय पानीपत में 45वें इंटर जोनल युवा महोत्सव में बोल रहे थे। उन्होंने विद्यार्थियों को राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक प्रतिभागिता के लिए प्रेरणा तथा शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रतिभागियों का इन कार्यक्रमों में प्रतिभागिता का उद्देश्य सिर्फ जीत हासिल करना ही नहीं होना चाहिए। इस तरह के कार्यक्रम उनमें प्रेरणा, संतुलन तथा साहस जैसे गुण पैदा कर कौशल विकास करते हैं। सार्थक, सफल जीवन के मूलमंत्र सांझा करते हुए उन्होंने कहा कि परिवार का साथ, एकनिष्ठ कर्म भावना तथा अच्छी संगति मनुष्य को किसी भी परिस्थिति में निराश नहीं होने देते। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में दाखिले तथा परीक्षा परिणाम संबंधी समस्याओं को जल्द हल किया जाएगा तथा शिक्षा व्यवस्था में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र द्वारा प्रायोजित 12 से 14 नवंबर को होने वाले 45वें इंटर जोनल युवा महोत्सव का आईबी महाविद्यालय पानीपत में शानदार आगाज़ हुआ। शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा, कुविकु के युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला तथा आईबीएल सोसायटी तथा आईबी महाविद्यालय की प्रबंधन समिति के प्रधान धर्मबीर बत्रा, उपप्रधान बलराम नंदवानी, महासचिव लक्ष्मी नारायण मिगलानी, प्रबंधन समिति के सदस्य, प्राचार्य डॉ. अजय कुमार गर्ग, उपप्राचार्या डॉ. शशि प्रभा, सांस्कृतिक समिति के संरक्षक डॉ. निधान सिंह व संयोजिका डॉ. सुनीता ढांडा तथा अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर महोत्सव का शुभारम्भ किया। प्राचार्य डॉ. अजय कुमार गर्ग ने कहा कि हमारे महाविद्यालय के लिए यह अत्यंत प्रसन्नता और गर्व का विषय है कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने हमें इतनी बड़ी जिम्मेदारी के निर्वहन का मौका दिया है। महोत्सव में कुविकु के युवा एवं सांस्कृतिक विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला, कुविकु की सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष तथा आर्य महाविद्यालय, पानीपत के प्राचार्य डॉ. जगदीश गुप्ता, युवा एवं सांस्कृतिक विभाग से हरविन्द्र राणा, मारकंडा नेशनल महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अशोक चौधरी कुविकु से पर्यवेक्षक के रूप में तथा कुलपति के प्रतिनिधि डॉ. आनन्द कुमार आदि ने महोत्सव को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर समालखा विधानसभा क्षेत्र के विधायक मनमोहन भडाना, भाजपा के वरिष्ठ नेता गजेन्द्र सलूजा, व्यवसायी तथा सामाजिक कार्यकर्ता अनिल धमीजा, अतुल मित्तल तथा नीतेश मित्तल, आई.बीएल सोसायटी तथा आईबी महाविद्यालय प्रबंधन समिति से परमवीर ढींगरा, रवि गोंसाई, युधिष्ठिर मिगलानी, रमेश नागपाल, अशोक मिगलानी, राधेश्याम खुंगर उपस्थित रहे।
पहले दिन 34 महाविद्यालयों की 108 टीमों ने 18 विधाओं - कोरियोग्राफी, माइम, हरियाणवी आरकेस्ट्रा, समूह नृत्य, समूह गीत, एकल नृत्य, रिचुअल्स, संस्कृत नाटक, वाद्ययंत्र वादन, हरियाणवी लोकगीत, लोक वाद्ययंत्र वादन, पेंटिग, पोस्टर, रंगोली, प्रश्नोत्तरी, सांग आदि विधाओं में प्रस्तुति दी।

Advertisement

Advertisement
Advertisement