निगरानी टीमों के बाद भी किसान जला रहे फसलों के अवशेष
जगाधरी, 12 अक्तूबर (हप्र)
आजकल धान की फसल कटाई-उठाई का काम पूरे जोरों पर है। यह 15 दिन और चलने की उम्मीद है। इसी के साथ फसल अवशेष जलाने की घटनाएं भी भी तेजी पकड़े हुए हैं। जगाधरी आदि इलाकोंं में किसान फसल अवशेष अर्थात पराली फूंक कर वातावरण को जहरीला करने में लगे हुए हैं। दिन के बजाय रात को किसान यह काम विशेष तौर पर कर रहे हैं। वहीं, अधिकारी पता लगते ही कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं। उनका कहना है कि जुर्माना वसूली के अलावा एफआईआर दर्ज कराई गई है। पैडी के सीजन में फसल अवशेष जलाने की घटनाएं काफी ज्यादा होती हैं। जानकारी के अनुसार कृषि विभाग गांवों में लाऊडस्पीकर से मुनादी करवा कर किसानों को फसल अवशेष न जलाने के लिए चेता रहा है। इसके अलावा खंड वाइज टीमेें बनाई गई हैं। प्रत्येक टीम में दो कर्मचारी होंगे। जानकारी के अनुसार खंड जगाधरी में 14, खंड रादौर में 12, खंड छछरौली में 12, खंड बिलासपुर में 12, खंड साढौरा में 7, खंड सरस्वतीनगर में 9 व खंड प्रतापनगर में 7 टीमें तैनात की गई हैं। इसके अलावा ग्राम पंचायतों से भी फसल अवशेष न जलने देने के बारे में प्रस्ताव लिए गए हैं। फसल अवशेष न जलें इसे लेकर डायल 112 की सेवाएं भी ली जा रही हैं।
अभी तक 9 मामले सामने आए : कृषि अधिकारी
कृषि विभाग के सहायक पौध संरक्षण अधिकारी डा. सतीश कुमार का कहना है कि इसरो 24 घंटे सैटेलाइट से नजर रख रहा है। पहले हर्सक केवल दिन में नजर रखता था। डा. सतीश का कहना है कि अभी तक जिले में फसल अवशेष जलने के 9 मामले सामने आए हैं। इनसे साढ़े 22 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया है। उन्होंने बताया कि रादौर खंड में घिलोर के एक किसान पर फसल अवशेष जलाने के आरोप में पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की है। बाकी किसानों पर भी एफआईआर के लिए पुलिस विभाग को लिखा गया है। डा. सतीश ने बताया कि फसल अवशेष जलने की घटना की सूचना न देने पर संबंधित ग्राम पंचायत की जवाबदेही भी तय की जाएगी।