5 में से 4 सीटों पर कमल खिलाने के बाद भी जींद के हाथ खाली
जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 17 अक्तूबर
जींद जिले की 5 में से 4 सीटों पर इस बार जींद के लोगों ने भाजपा का कमल खिलाया, मगर बात जब नायब सैनी सरकार में मंत्री पद की आई, तो जींद के हाथ एक तरह से खाली के खाली रह गए। भले ही जींद के नरवाना से भाजपा टिकट पर विधायक बने कृष्ण बेदी नायब सैनी सरकार में मंत्री बन गए हैं, लेकिन उनकी गिनती अब भी जींद में बाहरियों में होती है। नायब मंत्रिमंडल में जींद के भाजपा विधायक डॉ कृष्ण मिड्ढा और उचाना के भाजपा विधायक देवेंद्र अत्री को स्थान नहीं मिलने से जींद जिले के लोगों में अंदरखाने निराशा है। शुक्रवार को नायब सैनी मंत्रिमंडल का गठन हुआ। जिले के नरवाना विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने कृष्ण बेदी को मंत्री बनाया गया है। वह जींद जिले से मंत्री बनने वाले इकलौते विधायक हैं। कृष्ण बेदी को जींद जिले में आज भी बाहरी माना जाता है। वह मूल रूप से शाहबाद में रहते हैं। 2014 में शाहाबाद से ही वह भाजपा टिकट पर विधायक बने थे, और मनोहर सरकार वन में मंत्री बने थे।
जींद से कृष्ण बेदी का जुड़ाव इतना भर है कि कभी उनके पूर्वज नरवाना में रहते थे। जब वह मनोहर सरकार वन में मंत्री थे, तब कुछ समय के लिए उन्होंने जींद में जिला परियोजना समिति की बैठक की अध्यक्षता भी की थी।
नरवाना में 19 साल बाद आया मंत्री पद
जींद जिले के नरवाना विधानसभा क्षेत्र में पूरे 19 साल बाद मंत्री पद आया है।
नरवाना के विधायक कृष्ण बेदी नायब सैनी सरकार में मंत्री बने हैं। इससे पहले आखिरी बार नरवाना से 2005 में तत्कालीन सीएम ओमप्रकाश चौटाला को पराजित करने वाले कांग्रेस विधायक रणदीप सुरजेवाला भूपेंद्र हुड्डा सरकार में कैबिनेट मंत्री बने थे।
जींद से आखिरी मंत्री थे मांगेराम गुप्ता
जींद विधानसभा क्षेत्र में मंत्री पद आखिरी बार मांगेराम गुप्ता के पास था। वह 2007 में तत्कालीन भूपेंद्र हुड्डा सरकार में परिवहन और शिक्षा विभाग के कैबिनेट मंत्री बने थे। 2009 में उनकी हार हुई, तो उसके बाद से जींद विधानसभा क्षेत्र को मंत्री पद नहीं मिल पाया है।
2019 में जींद की थी सत्ता में भागीदारी
जिले की सत्ता में बहुत बड़ी भागीदारी 2019 में हुई थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में जब भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था, तब भाजपा ने दुष्यंत चौटाला की जजपा के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी। मनोहर लाल के नेतृत्व वाली सरकार में उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र से दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम का पद मिला था।
जींद में निराशा
जींद से भाजपा टिकट पर लगातार तीसरी बार विधायक बने डॉ. कृष्ण मिड्ढा को नायब सैनी सरकार में मंत्री पद और वह भी कैबिनेट मंत्री का पद मिलने की उम्मीद डॉ. मिड्ढा के समर्थकों के साथ-साथ जींद के आम लोगों को भी थी। संभावित मंत्रियों की सूची में जिस तरह से कई दिन से डॉ. कृष्ण मिड्ढा का नाम आ रहा था, उससे भी उनके समर्थकों और जींद के लोगों की उनके मंत्री बनने की उम्मीद और ज्यादा बढ़ी थी, लेकिन शुक्रवार को जब मंत्रियों की सूची फाइनल हुई और उसमें जींद के भाजपा विधायक का नाम नहीं आया, तो उनके समर्थकों और आम लोगों में निराशा फैल गई। शहर के रुपए चौक के पास डॉ. कृष्ण मिड्ढा के आवास के पास शुक्रवार सुबह तक उन्हें मंत्री बनाए जाने को लेकर लोगों और खास कर उनके समर्थकों में उत्साह का माहौल था, लेकिन जैसे ही मंत्रियों की सूची में उनका नाम नजर नहीं आया, उनके आवास के आसपास और उनके समर्थकों में निराशा फैल गई। भाजपा के युवा विधायक देवेंद्र अत्री को भी मंत्री बनाए जाने की उम्मीद देवेंद्र अत्री के समर्थक लगाए हुए थे।