सरकार से मांगा प्रति एकड़ 50 हजार मुआवजा
चंडीगढ़, 3 मार्च (ट्रिन्यू)
हरियाणा में तेज बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान को लेकर विपक्ष ने किसानों के समर्थन में आवाज बुलंद की है। करनाल जिले के असंध से कांग्रेस विधायक शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि किसानों की प्रति एकड़ 50 हजार रुपये फसल की लागत आती है। उससे अधिक अगर कुछ बचता है तो वह आमदनी कहलाती है। राज्य में ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में प्रदेश सरकार को तुरंत किसानों को कम से कम 50 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा प्रदान करना चाहिए, ताकि किसानों की फसल की लागत पूरी हो सके। वहीं कांग्रेस महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि भयंकर ओलावृष्टि के कारण पकने को तैयार खड़ी फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने अपने जीवन में इससे भयंकर ओलावृष्टि नहीं देखी। खेतों को देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे खेत न होकर कोई ग्लेशियर हों। इस बेमौसमी बरसात और भयंकर ओलावृष्टि ने कुछ भी नहीं छोड़ा। ओलावृष्टि ने सरसों की 90 फीसदी और गेहूं की 80 फीसदी फसल तबाह कर दी है। ऐसी परिस्थितियों में किसान को केवल सरकार का ही सहारा है।
इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कहा कि बारिश और भारी ओलावृष्टि से सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, जींद और सोनीपत समेत अन्य जिलों में किसानों की सौ प्रतिशत फसल खराब हो गई है।
किसान पहले से भारी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं और अब इस प्राकृतिक आपदा की वजह से किसानों को भारी नुकसान हुआ है। चौटाला ने कहा कि ओलावृष्टि के कारण बर्बाद हुई फसलों की तुरंत स्पेशल गिरदावरी कराई जाए और किसानों को कम से कम 50 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा प्रदान किया जाए।
15 मार्च तक होगी स्पेशल गिरदावरी : दुष्यंत
हरियाणा सरकार ने राज्य में हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि के चलते स्पेशल गिरदावरी का काम 15 मार्च तक बढ़ा दिया है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री के नाते डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पिछले दिनों आई बरसात के बाद से प्रदेश में गिरदावरी का कार्य पहले से चल रहा है। अब स्पेशल गिरदावरी के आदेश दिए गए हैं, जो कि 15 मार्च तक पूरी कर ली जाएगी। डिप्टी सीएम ने बताया कि अगले दो से तीन दिनों तक भी मौसम खराब होने की सूचनाएं मौसम विभाग द्वारा दी गई हैं। इसके बाद स्पेशल गिरदावरी का काम तेज कर दिया जाएगा। दुष्यंत चौटाला के अनुसार हरियाणा सरकार द्वारा ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल भी खोला जा रहा है। फसल खराब या बर्बाद होने का ब्योरा ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करें।