For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

शायर नैरंग सरहदी को सम्मान, पद्मश्री और अकादमी पुरस्कार देने की उठी मांग

10:32 AM Nov 25, 2024 IST
शायर नैरंग सरहदी को सम्मान  पद्मश्री और अकादमी पुरस्कार देने की उठी मांग
रेवाड़ी में रविवार को शायर नैरंग सरहदी स्मृति समारोह में उपस्थित वक्तागण। -हप्र
Advertisement

रेवाड़ी, 24 नवंबर (हप्र)
शायर नैरंग सरहदी की अद्भुत शायरी और उनके रचनात्मक योगदान को रेखांकित करने के लिए रेवाड़ी में ‘इंडिया कॉनक्लेव नैरंग सरहदी स्मृति समारोह’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शायर को मरणोपरांत राष्ट्रीय और अकादमिक सम्मान देने की जोरदार मांग उठी। आइडिया कम्युनिकेशंस द्वारा मित्रम् और राज इंटरनेशनल स्कूल के सहयोग से आयोजित इस समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में कनाडा के ख्यातिप्राप्त लेखक और समीक्षक डॉ. सैय्यद तक़ी आबिदी ने कहा, ‘नैरंग सरहदी की शायरी भारतीयता और मानवता की गहराइयों को छूती है। उनका गुमनाम रहना बेहद दुखद है।’ उन्होंने उनकी रचनाओं को पाठ्यक्रम में शामिल करने और उर्दू अकादमी द्वारा एक पुरस्कार शुरू करने की भी सिफारिश की।
समारोह की अध्यक्षता लेखक और फिल्म निर्देशक आसिफ़ आज़मी ने की, जिन्होंने नैरंग सरहदी को पद्मश्री सम्मान का हकदार बताया। मुख्य अतिथि हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के डॉ. चितरंजन दयाल सिंह कौशल ने कहा, “नैरंग सरहदी का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।” दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर चंद्रशेखर और ज़श्न-ए-बहार की संस्थापक कामना प्रसाद ने उनकी रचनाओं पर समीक्षात्मक टिप्पणी करते हुए उन्हें उसूलों का शायर बताया।
इस अवसर पर सरहदी के शिष्य विपिन सुनेजा ‘शायक़’ ने उनकी गजल “आएगी मेरी याद मेरी जिंदगी के बाद” सुनाकर भावविभोर कर दिया। वहीं, कनाडा से आए उनके पुत्र नरेश नारंग ने उनके जीवन के मार्मिक प्रसंग साझा किए। फिल्मी गीतकार शकील आज़मी ने मुशायरे में अपने शेरों से श्रोताओं की भरपूर वाहवाही लूटी। अन्य शायरों में कर्नल संजय चतुर्वेदी, डॉ. एमआर कासमी, सत्यवीर नाहडिया, प्रखर मालवीय ‘कान्हा’ ने भी बेहतरीन प्रस्तुतियां दीं। समारोह में डॉ. आबिदी द्वारा लिखित पुस्तक “तामीरे-बका” का लोकार्पण किया गया। सरहदी को मरणोपरांत बाबू बालमुकुंद गुप्त कोहिनूर सम्मान भी प्रदान किया गया, जिसे उनके पुत्र नरेश नारंग और पुत्रवधू सुनीता नारंग ने ग्रहण किया।
रेवाड़ी के स्थानीय रचनाकारों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई, जिनमें प्रो. रमेश चंद्र शर्मा, दर्शना शर्मा, योगेश हरियाणवी, और तेजभान कुकरेजा प्रमुख थे। आयोजन समिति के सदस्यों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।

Advertisement

Advertisement
Advertisement