डीसी से मिला 22 गांवों का प्रतिनिधिमंडल, चौथी मीटिंग में भी नहीं बनी मुआवजे पर सहमति
झज्जर, चार जुलाई (हप्र)
राजस्थान से वाया हरियाणा होकर खेतों के रास्ते से दिल्ली जाने वाली 765 केवी की हाईटेंशन तारों के मुआवजे को लेकर वीरवार को झज्जर के करीब 22 गांवों के किसान लघु सचिवालय डीसी से मिलने पहुंचे। इस मामले में डीसी के साथ उनकी चौथी वार्ता थी।
डीसी के साथ हुई इस बैठक में भी किसानों की समस्या का कोई समाधान नहीं मिला। उपायुक्त ने जहां किसानों को हरियाणा सरकार द्वारा गुजरात और महाराष्ट्र की तर्ज पर मुआवजा दिए जाने की बात कही, वहीं किसानों ने उपायुक्त के तर्क पर असहमति जताई और मुआवजा कर्नाटक सरकार की तर्ज पर दिए जाने की मांग की।
झज्जर के 22 गांवों के किसान मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन के लिए बनाई गई किसान-कामगार अधिकार मोर्चे के बैनर तले उपायुक्त से मिलने आए थे। जब उपायुक्त के साथ किसानों की सहमति नहीं बनी तो किसानों ने अगले सप्ताह इसी मामले को लेकर सीएम से मिलने की बात कही।
बाद में मीडिया के रूबरू हुए किसान-कामगार अधिकार मोर्चे के सत्येन्द्र लोहचब ने डीसी के साथ हुई मुलाकात का ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि उपायु्क्त के साथ यह उनकी चौथी वार्ता थी, लेकिन इस वार्ता में भी किसानों की समस्या का कोई समाधान नहीं निकला।
उन्होंने कहा कि किसान सर्कल रेट से नहीं बल्कि मार्किट रेट से अपनी जमीन का मुआवजा चाहते हैं, जो कि शासन और प्रशासन को मंजूर नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में उनका आंदोलन उग्र रूप लेता जा रहा है। आने वाले समय में वह अपने आंदोलन को ओर ज्यादा कड़ा करेंगे और विरोध में कड़ा फैसला भी लेंगे।
लोहचब के अनुसार अगले सप्ताह इसी मामले में उनकी सीएम के साथ वार्ता है। यदि उस वार्ता में समाधान नहीं निकलता है तो फिर उनका बड़ा आंदोलन खड़ा करने की तैयारी है। इस दौरान लघु सचिवालय परिसर में उन्होंने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी भी की।